हरियाणा में लगभग एक महीना पहले केंद्रीय चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनावों की घोषणा कर दी है। इसी साल 3 नवंबर को खत्म हो रहे नायब सैनी की सरकार के कार्यकाल से लगभग एक महीने पहले ही 90 सीटों वाली विधानसभा के लिए चुनाव का ऐलान हो गया है। बीजेपी ने मनोहर लाल खट्टर की जगह ओबीसी नेता नायब सिंह सैनी को लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जब कमान सौंपी थी। तो, नायब सैनी की नियुक्ति को पिछड़े वर्ग के वोटों को साधने की कोशिश के तौर पर देखा गया था, लेकिन उन्हें लोकसभा की 10 सीटें बचाए रखने के मुश्किल काम में कामयाबी नहीं मिली। लेकिन फिर भी वे अपने राजनीतिक गुरु खट्टर के खिलाफ भारी सत्ता विरोधी लहर को कम करने में कामयाब रहे हैं।
इस राज्य का करनाल विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र बहुत ही खास है। यह सीट राज्य के करनाल जिले में ही आती है। यह वह सीट है, जहां से जीतकर नायाब सिंह सैनी हरियाणा के मुख्यमंत्री बने हैं। उन्होंने इस सीट से उपचुनाव जीता और मनोहर लाल खट्टर की जगह मुख्यमंत्री बने। यह सीट हमेशा से ही हॉट सीट रही है। नायाब सिंह सैनी से पहले करनाल विधानसभा सीट से ही जीतकर मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री बनते रहे हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव में करनाल विधानसभा सीट मनोहर लाल खट्टर ने जीती थी।
वह कांग्रेस के तरलोचन सिंह के खिलाफ चुनाव लड़े थे। मनोहर लाल खट्टर ने तरलोचन सिंह को 45188 वोटों से मात दी थी। 2019 के विधानसभा चुनाव में मनोहर लाल खट्टर को कुल 79906 वोट मिले हैं, वहीं कांग्रेस के तरलोचन सिंह 34718 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे। इसके अलावा जेजेपी के तेज बहादुर यहां 3192 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे। सी साल 3 मार्च को मनोहर लाल खट्टर ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद उनकी जगह पर नायाब सिंह करनाल विधानसभा उप चुनाव लड़े। 25 मई को हुए उपचुनाव का रिजल्ट आया तो नायब सिंह सैनी 41483 वोटों से चुनाव जीत गए।