सोजत में नकली दूध का कारोबार: रसद विभाग की अनदेखी से फलफूल रहा है धंधा
सोजत, 08 अक्टूबर 2024 – सोजत नगर में नकली दूध के कारोबार ने खतरनाक स्तर पर पैर पसार लिए हैं, और इसके पीछे रसद विभाग की गंभीर अनदेखी जिम्मेदार मानी जा रही है।
इलाके में बड़ी संख्या में नकली दूध का उत्पादन और बिक्री खुलेआम हो रही है, जिससे न केवल नागरिकों की सेहत पर गहरा खतरा मंडरा रहा है बल्कि स्थानीय प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे हैं।
नकली दूध का कारोबार:-
सेहत के लिए बड़ा खतरा स्थानीय बाजारों में भारी मात्रा में नकली दूध बेचा जा रहा है, जो रसायनों और सिंथेटिक सामग्री से तैयार किया जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के नकली दूध में कई हानिकारक तत्व होते हैं जो शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं।
इससे पेट की बीमारियों, हृदय रोग, और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
रसद विभाग की अनदेखी:-
इस पूरे मामले में रसद विभाग की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि प्रशासन की ढील के कारण यह अवैध धंधा बिना किसी डर के फलफूल रहा है। जबकि कई बार शिकायतें की गईं, लेकिन विभाग द्वारा अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
इससे यह साफ होता है कि विभाग या तो जानबूझकर आंखें मूंदे हुए है या फिर इसमें मिलीभगत हो सकती है। स्थानीय लोगों की नाराजगी स्थानीय लोग इस स्थिति से बेहद नाराज हैं। उनका कहना है कि बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी इस नकली दूध के सेवन से प्रभावित हो रहे हैं।
लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द इस मामले में कार्रवाई की जाए और दोषियों को सख्त सजा दी जाए। स्थानीय नागरिकों ने कई बार नकली दूध के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किए, लेकिन उनकी आवाज़ अभी तक अनसुनी रह गई है।
कार्रवाई की आवश्यकता अब समय आ गया है कि रसद विभाग और स्थानीय प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर तत्काल ध्यान दें और नकली दूध के कारोबार पर पूरी तरह से अंकुश लगाएं। नागरिकों की सेहत से खिलवाड़ किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
अगर समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो इसके नतीजे और भी गंभीर हो सकते हैं। सोजत नगर में नकली दूध के कारोबार का फैलाव चिंता का विषय है, और इसे रोकने के लिए जल्द और सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
स्थानीय प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं, और अगर समय रहते समाधान नहीं निकला तो यह समस्या और विकराल रूप ले सकती है।
वरिष्ठ संवाददाता ओमप्रकाश बोराणा कि रिपोर्ट