लॉरेंस गैंग के निशाने पर था श्रद्धा हत्याकांड का आरोपी आफताब, बाबा सिद्दीकी के शूटरों ने किया खुलासा..
मुंबई। बाबा सिद्दीकी हत्याकांड की जांच के दौरान मुंबई क्राइम ब्रांच को बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में पता चला है कि कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई गिरोह ने श्रद्धा हत्याकांड के आरोपी आफताब पूनावाला की हत्या की साजिश रची थी।
यह खुलासा सिद्दीकी के शूटर शिवकुमार गौतम से पूछताछ के दौरान हुआ। आफताब, जो फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है, पर अपनी प्रेमिका श्रद्धा वाकर की हत्या और उसके शव के टुकड़े-टुकड़े कर जंगल में फेंकने का आरोप है।
इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। कोर्ट में पेशी के दौरान हत्या की योजना क्राइम ब्रांच के सूत्रों के अनुसार, शिवकुमार ने बताया कि बिश्नोई गैंग ने आफताब को कोर्ट में पेशी के दौरान निशाना बनाने की योजना बनाई थी।
हालांकि, आफताब की कड़ी सुरक्षा के चलते यह साजिश नाकाम रही। गिरोह की इस योजना का मुख्य साजिशकर्ता शुभम लोनकर था, जो लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के लिए सुपारी किलर के तौर पर काम करता है।
दिल्ली पुलिस के साथ साझा की गई जानकारी मुंबई क्राइम ब्रांच ने इस साजिश की जानकारी दिल्ली पुलिस को भी दी है। अधिकारियों ने कहा कि गिरोह ने यह साजिश अपने प्रभुत्व को मजबूत करने और एक विशेष समुदाय के भीतर प्रभाव बढ़ाने के लिए रची थी।
लॉरेंस गिरोह की पुरानी रणनीतियां यह पहली बार नहीं है जब लॉरेंस बिश्नोई गिरोह ने हाई-प्रोफाइल हत्याओं की साजिश रची है। इससे पहले भी कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी और कई अन्य प्रमुख व्यक्तियों को निशाना बनाने की योजना बनाई गई थी। शूटर ने खोले कई राज़ शिवकुमार गौतम ने खुलासा किया कि बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद उसने कपड़े बदलकर घटनास्थल पर वापसी की थी।
उसने मौके पर अपनी शर्ट, पिस्तौल और बैग छोड़ दिया था। सिद्दीकी को गोली मारने के बाद वह लीलावती अस्पताल तक पहुंचा, यह देखने कि उनकी मौत की पुष्टि हो गई है या नहीं। श्रद्धा हत्याकांड का पृष्ठभूमि गौरतलब है कि श्रद्धा हत्याकांड ने पूरे देश में सनसनी फैलाई थी।
आफताब ने मई 2022 में अपनी प्रेमिका श्रद्धा की हत्या कर उसके शव को फ्रिज में रखा और बाद में जंगल में फेंक दिया। इस मामले में राजनीतिक बयानबाजी भी हुई और इसे "लव जिहाद" का मामला बताया गया। सुरक्षा एजेंसियां सतर्क इस खुलासे के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं।
आफताब की सुरक्षा और मजबूत की गई है। गिरोह की साजिश के अन्य पहलुओं की भी जांच की जा रही है। निष्कर्ष: लॉरेंस बिश्नोई गिरोह की योजनाएं और नेटवर्क एक बार फिर सामने आ रहे हैं। यह मामला अपराध और राजनीति के जटिल संबंधों को भी उजागर करता है।
वरिष्ठ संवाददाता ओमप्रकाश बोराणा कि रिपोर्ट