प्रदेश में एक हजार नई आंगनबाड़ी केंद्र स्वीकृत, पुराने कई अब भी ताले में बंद..

प्रदेश में एक हजार नई आंगनबाड़ी केंद्र स्वीकृत, पुराने कई अब भी ताले में बंद..

जयपुर..राजस्थान सरकार ने राज्य के बच्चों और महिलाओं के पोषण व शिक्षा के लिए बड़ा कदम उठाते हुए एक हजार नई आंगनबाड़ी केंद्र खोलने की घोषणा की है।

इन केंद्रों का उद्देश्य ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में बच्चों को पोषणयुक्त आहार और प्रारंभिक शिक्षा उपलब्ध कराना है। लेकिन इस घोषणा के बीच एक गंभीर समस्या भी उभर रही है। प्रदेश के कई पुराने आंगनबाड़ी केंद्र लंबे समय से बंद पड़े हैं और ताले में कैद हैं।

नई घोषणा से उम्मीदें बढ़ीं

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल ही में अपने संबोधन में कहा कि नई आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना से ग्रामीण क्षेत्रों में कुपोषण के खिलाफ लड़ाई में मदद मिलेगी। राज्य सरकार इन केंद्रों के लिए बजट आवंटन और स्टाफ की नियुक्ति पर तेजी से काम कर रही है।

उन्होंने कहा, "हमारा उद्देश्य है कि हर गांव और बस्ती में बच्चों को शिक्षा और पोषण के लिए बेहतर सुविधाएं मिलें।"

 पुराने केंद्रों की हालत चिंताजनक

 हालांकि, राज्य के कई पुराने आंगनबाड़ी केंद्र लंबे समय से ताले में बंद हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में इन केंद्रों के बंद होने के पीछे मुख्य कारण कर्मचारियों की कमी, खराब प्रबंधन और संसाधनों का अभाव बताया जा रहा है।

कई जगहों पर इन केंद्रों की इमारतें जर्जर हो चुकी हैं, जबकि कुछ केंद्रों में नियमित रूप से सेवाएं नहीं दी जा रही हैं।

 ग्रामीणों की प्रतिक्रिया- गांव के निवासियों ने इस स्थिति पर चिंता जताई है। बाड़मेर जिले के रामपुरा गांव की महिला सरोज देवी ने कहा, "हमारे गांव का आंगनबाड़ी केंद्र पिछले छह महीने से बंद पड़ा है।

बच्चों को पोषण आहार नहीं मिल पा रहा है। नई घोषणा अच्छी है, लेकिन पुराने केंद्रों को पहले ठीक करना चाहिए।"

सरकार की तैयारी और चुनौतियां

राज्य सरकार ने पुरानी समस्याओं को हल करने के लिए एक कार्य योजना बनाने की बात कही है। महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नए केंद्रों के साथ-साथ बंद पड़े केंद्रों को भी जल्द शुरू किया जाएगा।

 एक अधिकारी ने कहा, "हमने एक सर्वेक्षण शुरू किया है, जिसमें पता लगाया जाएगा कि कौन-कौन से आंगनबाड़ी केंद्र बंद हैं और किन कारणों से। इससे समस्याओं का समाधान किया जाएगा।"

विशेषज्ञों की राय- विशेषज्ञों का मानना है कि नई आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना सराहनीय है, लेकिन जब तक पुरानी व्यवस्थाओं को सुधारने पर ध्यान नहीं दिया जाएगा, तब तक कुपोषण और शिक्षा की समस्या का पूरी तरह समाधान संभव नहीं है। नई आंगनबाड़ी केंद्रों की स्वीकृति राज्य में एक सकारात्मक बदलाव का संकेत है।

 लेकिन सरकार के सामने बड़ी चुनौती है कि वह पुराने केंद्रों को भी सुचारू रूप से चलाए। ग्रामीण बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि सभी केंद्र पूरी क्षमता से काम करें।

वरिष्ठ संवाददाता ओमप्रकाश बोराणा कि रिपोर्ट