दो दिवसीय राजस्थानी भाषा महोत्सव का कार्यक्रम 13-14 दिसम्बर को..
डाॅ.एल.पी.तैस्सितोरी की 137 वीं जयंती पर सादूल राजस्थानी रिसर्च इंस्टीट्यूट छह राजस्थानी विद्वानों का सम्मान करेगी एवं पुष्पांजलि एवं विचाराजंली का कार्यक्रम होगा..
बीकानेर/ सादूल राजस्थानी रिसर्च इंस्टीट्यूट बीकानेर के तत्वावधान में इटली मूल के राजस्थानी भाषा के शोधार्थी एवं विद्वान साहित्यकार डाॅ. एल. पी. तैस्सितोरी की 137 वीं जयंती के अवसर पर दो दिवसीय मातृभाषा महोत्सव का कार्यक्रम आगामी 13 एवं 14 दिसंबर को संस्था परिसर में आयोजित किया जाएगा।
संस्था के सचिव कवि -कथाकार राजेन्द्र जोशी ने बताया की शुक्रवार 13 दिसंबर को म्यूजियम परिसर स्थित डॉ. एल. पी. तैस्सितोरी की प्रतिमा स्थल पर साहित्यकार, शोधार्थी एवं आमजन पुष्पांजलि एवं विचाराजंली देंगे। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को दोपहर 12:15 बजे यह कार्यक्रम आयोजित होगा।
कार्यक्रम प्रभारी साहित्यकार राजाराम स्वर्णकार ने बताया कि संस्था द्वारा प्रतिवर्ष दो राजस्थानी के विद्वानों को डॉ. एल. पी. तैस्सितोरी अवार्ड अर्पित किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि यह अवार्ड राजस्थानी भाषा के समर्थक और राजस्थानी भाषा के शोधार्थी एवं साहित्यकारों को दिए जाते हैं, कोरोना के कारण गत दो वर्ष यह अवार्ड अर्पित नहीं किये जा सके।
इस वर्ष 14 दिसंबर शनिवार को दोपहर 2:15 बजे राजकीय सार्वजनिक पुस्तकालय के सभागार में 2022 के लिए मनीषा आर्य सोनी और डॉ. नमामी शंकर आचार्य को , वर्ष 2023 के लिए डॉ. कृष्णा आचार्य और डॉ. गौरी शंकर प्रजापत को एवं 2024 के लिए राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के पूर्व सचिव डाॅ. सत्य प्रकाश आचार्य एवं राजस्थानी भाषा के प्रबल समर्थक डॉ. नरेश गोयल को एक भव्य समारोह में यह अवार्ड वितरण किए जाएंगे।
स्वर्णकार ने बताया कि अब तक यह अवार्ड दस महानुभावों को अर्पित किए जा चुके हैं जिसमें महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर भागीरथ बिजारणिया, डॉ. श्रीलाल मोहता, भवानी शंकर व्यास विनोद, डॉ. मदन केवलिया, मधु आचार्य, बुलाकी शर्मा, डाॅ.नीरज दइया, डाॅ.प्रकाश अमरावत, राजाराम स्वर्णकार एवं सुधीर सक्सेना को अब तक डाॅ.एल.पी.तैस्सितोरी अवार्ड अर्पित किए जा चुके है।
वरिष्ठ संवाददाता अब्दुल समद राही कि रिपोर्ट