बीते वित्त वर्ष में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में FDI 30 प्रतिशत घटकर 5,037 करोड़ रुपये

नयी दिल्ली । भारत के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में 30 प्रतिशत घटकर 5,037.06 करोड़ रुपये रह गया है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में 2022-23 के दौरान 7,194.13 करोड़ रुपये का एफडीआई आया था। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने लोकसभा में पेश आंकड़ों में बताया कि इस क्षेत्र में एफडीआई 2021-22 में 5,290.27 करोड़ रुपये और 2020-21 में 2,934.12 करोड़ रुपये रहा। इससे पहले खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में एफडीआई 2019-20 में 6,414.67 करोड़ रुपये, 2018-19 में 4,430.44 करोड़ रुपये, 2017-18 में 5,835.62 करोड़ रुपये, 2016-17 में 4,865.85 करोड़ रुपये और 2015-16 में 3,312 करोड़ रुपये था। खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में विदेशी निवेश को बढ़ाने के लिए मंत्रालय ने कई कदम उठाए हैं, जिसमें क्षेत्रीय नियमों के अधीन खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के लिए स्वत: मंजूर मार्ग से 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति शामिल है। इसके साथ ही भारत में बने खाद्य उत्पादों के संबंध में ई-कॉमर्स सहित अन्य व्यापार के लिए सरकारी अनुमोदन मार्ग के तहत 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी गई है। सरकार ने उद्योग (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1951 के तहत लाइसेंसिंग के दायरे से सभी प्रसंस्कृत खाद्य वस्तुओं को छूट दी है।

बीते वित्त वर्ष में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में FDI 30 प्रतिशत घटकर 5,037 करोड़ रुपये
नयी दिल्ली । भारत के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में 30 प्रतिशत घटकर 5,037.06 करोड़ रुपये रह गया है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में 2022-23 के दौरान 7,194.13 करोड़ रुपये का एफडीआई आया था। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने लोकसभा में पेश आंकड़ों में बताया कि इस क्षेत्र में एफडीआई 2021-22 में 5,290.27 करोड़ रुपये और 2020-21 में 2,934.12 करोड़ रुपये रहा।

 इससे पहले खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में एफडीआई 2019-20 में 6,414.67 करोड़ रुपये, 2018-19 में 4,430.44 करोड़ रुपये, 2017-18 में 5,835.62 करोड़ रुपये, 2016-17 में 4,865.85 करोड़ रुपये और 2015-16 में 3,312 करोड़ रुपये था। खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में विदेशी निवेश को बढ़ाने के लिए मंत्रालय ने कई कदम उठाए हैं, जिसमें क्षेत्रीय नियमों के अधीन खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के लिए स्वत: मंजूर मार्ग से 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति शामिल है। 

इसके साथ ही भारत में बने खाद्य उत्पादों के संबंध में ई-कॉमर्स सहित अन्य व्यापार के लिए सरकारी अनुमोदन मार्ग के तहत 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी गई है। सरकार ने उद्योग (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1951 के तहत लाइसेंसिंग के दायरे से सभी प्रसंस्कृत खाद्य वस्तुओं को छूट दी है।