प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में डाबर इंडिया के चेयरमैन मोहित बर्मन को तलब किया है। केयर हेल्थ इंश्योरेंस के तीन स्वतंत्र निदेशकों और ओपन ऑफर के प्रबंधक को तलब किया है। यह जांच रेलिगेयर एंटरप्राइजेज (आरईएल) के शेयरधारकों के लिए बर्मन परिवार की ओपन ऑफर से संबंधित है।
द इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में ये जानकारी दी गई है। यह जांच रेलिगेयर समूह के अंतर्गत आने वाली एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) रेलिगेयर फिनवेस्ट से निकाले गए धन को खुली पेशकश से जुड़ी कंपनियों में लगाए जाने के आरोपों से जुड़ी है। आरईएल के शेयरधारक वैभव गवली की शिकायत के बाद जांच शुरू की गई थी, जिन्होंने बर्मन परिवार पर आरईएल के शेयरधारकों के लिए अपने ओपन ऑफर में झूठे दावे और गलत बयानी करने का आरोप लगाया था।
शिकायत में आरोप लगाया गया था कि इससे शेयरधारकों को अपने शेयर बेचने के लिए प्रेरित किया गया, जबकि ऑफर से जुड़े जोखिमों का पूरी तरह से खुलासा नहीं किया गया था। इसने वैभव गवली जैसे शेयरधारकों को वित्तीय नुकसान पहुंचाया, जिन्होंने ऑफर की घोषणा के बाद शेयर खरीदे थे।
रिपोर्ट के अनुसार, यह पहली बार है जब किसी जांच एजेंसी ने रेलिगेयर-बर्मन विवाद से जुड़े सभी पक्षों को तलब किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ईडी पहले ही वैभव गवली का बयान दर्ज कर चुका है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बर्मन ने कहा है कि खुली पेशकश की कीमत 235 रुपये निर्धारित की गई थी, जो सेबी के अधिग्रहण नियमों के आधार पर 221 रुपये की गणना की गई कीमत से अधिक थी।