सरकार कर रही GST में छूट देने की तैयारी, विदेशी एयरलाइंस और विदेशी शिपिंग लाइनों को मिल सकता है फायदा

केंद्र सरकार इंफोसिस, विदेशी शिपिंग लाइनों और विदेशी एयरलाइंस को जीएसटी में छूट देने पर विचार कर रही है। केंद्र सरकार इस संबंध में आने वाले दिनों में विचार कर सकती है और इससे संबंधित फैसला ले सकती है। इसकी जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स में दी गई है।सीएनबीसी-टीवी18 की रिपोर्ट की मानें तो केंद्र सरकार 9 सितंबर को होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक में जून के सर्कुलर में बदलाव करने पर विचार कर रही है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि केंद्र को लगता है कि सेवा क्षेत्र को जीएसटी में स्पष्टता और व्यापार करने में आसानी की आवश्यकता है। इसमें कहा गया है कि वस्तु एवं सेवा कर खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने हाल ही में भारत की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी के साथ-साथ कई विदेशी एयरलाइंस को नोटिस भेजा था।इससे पहले खबर आई थी कि डीजीजीआई ने ब्रिटिश एयरवेज, लुफ्थांसा और एमिरेट्स समेत 10 विदेशी एयरलाइनों को 10,000 करोड़ रुपये का कर नहीं चुकाने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया था। ये नोटिस भारतीय शाखाओं द्वारा अपने मुख्य कार्यालयों से आयातित सेवाओं पर अदा न किए गए करों से संबंधित थे।समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, जीएसटी परिषद की 54वीं बैठक में कर स्लैब को कम करने, दरों को युक्तिसंगत बनाने के अलावा जीएसटी के तहत शुल्क व्युत्क्रमण को हटाने के मुद्दों पर विचार किए जाने की संभावना है। 23 जून की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि "जीएसटी परिषद की अगली बैठक में, बिहार के उपमुख्यमंत्री सुमंत चौधरी के नेतृत्व में दरों को युक्तिसंगत बनाने पर मंत्रियों का समूह (जीओएम) पैनल द्वारा कवर किए गए कार्यों और पहलुओं की स्थिति और पैनल के समक्ष लंबित कार्यों पर एक प्रस्तुति देगा।" 

सरकार कर रही GST में छूट देने की तैयारी, विदेशी एयरलाइंस और विदेशी शिपिंग लाइनों को मिल सकता है फायदा

केंद्र सरकार इंफोसिस, विदेशी शिपिंग लाइनों और विदेशी एयरलाइंस को जीएसटी में छूट देने पर विचार कर रही है। केंद्र सरकार इस संबंध में आने वाले दिनों में विचार कर सकती है और इससे संबंधित फैसला ले सकती है। इसकी जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स में दी गई है।

सीएनबीसी-टीवी18 की रिपोर्ट की मानें तो केंद्र सरकार 9 सितंबर को होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक में जून के सर्कुलर में बदलाव करने पर विचार कर रही है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि केंद्र को लगता है कि सेवा क्षेत्र को जीएसटी में स्पष्टता और व्यापार करने में आसानी की आवश्यकता है। इसमें कहा गया है कि वस्तु एवं सेवा कर खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने हाल ही में भारत की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी के साथ-साथ कई विदेशी एयरलाइंस को नोटिस भेजा था।

इससे पहले खबर आई थी कि डीजीजीआई ने ब्रिटिश एयरवेज, लुफ्थांसा और एमिरेट्स समेत 10 विदेशी एयरलाइनों को 10,000 करोड़ रुपये का कर नहीं चुकाने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया था। ये नोटिस भारतीय शाखाओं द्वारा अपने मुख्य कार्यालयों से आयातित सेवाओं पर अदा न किए गए करों से संबंधित थे।

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, जीएसटी परिषद की 54वीं बैठक में कर स्लैब को कम करने, दरों को युक्तिसंगत बनाने के अलावा जीएसटी के तहत शुल्क व्युत्क्रमण को हटाने के मुद्दों पर विचार किए जाने की संभावना है। 23 जून की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि "जीएसटी परिषद की अगली बैठक में, बिहार के उपमुख्यमंत्री सुमंत चौधरी के नेतृत्व में दरों को युक्तिसंगत बनाने पर मंत्रियों का समूह (जीओएम) पैनल द्वारा कवर किए गए कार्यों और पहलुओं की स्थिति और पैनल के समक्ष लंबित कार्यों पर एक प्रस्तुति देगा।"