राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का बयान, कहा- भारत में ओलंपिक जरूर होने चाहिए, इससे खेलों में योग्यता को बढ़ावा मिलेगा

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का मानना ​​है कि 2036 ओलंपिक की मेजबानी की भारत की महत्वाकांक्षा सही दिशा में उठाया गया कदम है क्योंकि इससे ना केवल लोगों को प्रेरणा मिलेगी बल्कि देश के खेल परिदृश्य में योग्यता को भी बढ़ावा मिलेगा। राष्ट्रपति ने बुधवार को राष्ट्रपति भवन में ‘पीटीआई’ के वरिष्ठ संपादकों के साथ विशेष बातचीत की और कबड्डी जैसे भारत के स्वदेशी खेलों की प्रशंसा की। मुर्मू ने कहा, ‘‘मुझे खेल देखना पसंद है, हालांकि मुझे खेलने के बहुत ज्यादा मौके नहीं मिले। लेकिन जब भी मौका मिला, मैंने भारतीय खेलों को प्राथमिकता दी।’’ राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ओलंपिक निश्चित रूप से भारत में होने चाहिए। इससे लोग प्रेरित होंगे और खेलों में योग्यता को बढ़ावा मिलेगा।’’ राष्ट्रपति मुर्मू ने ‘पीटीआई-भाषा’ के लिए महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर विशेष हस्ताक्षरित लेख भी लिखा। मेजबान देश पर निर्णय 2026 से पहले लिए जाने की उम्मीद नहीं है और यह 2027 में भी हो सकता है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) अगले साल अपने चुनाव कराने के बाद ही प्रक्रिया शुरू करेगी। पोलैंड, मैक्सिको, इंडोनेशिया, कतर और सऊदी अरब उन देशों में शामिल हैं जिन्होंने 2036 ओलंपिक खेलों की मेजबानी में रुचि दिखाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी महीने स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता के आयेजन की देश की क्षमता पर भरोसा जताया था। उन्होंने कहा था, ‘‘भारत का सपना 2036 ओलंपिक की मेजबानी करना है, हम इसके लिए तैयारी कर रहे हैं।’’ मुर्मू ने जून में संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अपने संबोधन में भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया था। उन्होंने पिछले महीने राष्ट्रपति भवन में साइना नेहवाल के साथ बैडमिंटन खेलते हुए अपनी तस्वीरें साझा की थीं। तस्वीरों के कैप्शन में लिखा था कि राष्ट्रपति को ‘खेलों से स्वाभाविक प्यार है’। मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन से एशिया के सबसे पुराने फुटबॉल टूर्नामेंट डूरंड कप के ट्रॉफी दौरे को भी हरी झंडी दिखाई थी।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का बयान, कहा- भारत में ओलंपिक जरूर होने चाहिए, इससे खेलों में योग्यता को बढ़ावा मिलेगा

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का मानना ​​है कि 2036 ओलंपिक की मेजबानी की भारत की महत्वाकांक्षा सही दिशा में उठाया गया कदम है क्योंकि इससे ना केवल लोगों को प्रेरणा मिलेगी बल्कि देश के खेल परिदृश्य में योग्यता को भी बढ़ावा मिलेगा। राष्ट्रपति ने बुधवार को राष्ट्रपति भवन में ‘पीटीआई’ के वरिष्ठ संपादकों के साथ विशेष बातचीत की और कबड्डी जैसे भारत के स्वदेशी खेलों की प्रशंसा की।

मुर्मू ने कहा, ‘‘मुझे खेल देखना पसंद है, हालांकि मुझे खेलने के बहुत ज्यादा मौके नहीं मिले। लेकिन जब भी मौका मिला, मैंने भारतीय खेलों को प्राथमिकता दी।’’ राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ओलंपिक निश्चित रूप से भारत में होने चाहिए। इससे लोग प्रेरित होंगे और खेलों में योग्यता को बढ़ावा मिलेगा।’’ राष्ट्रपति मुर्मू ने ‘पीटीआई-भाषा’ के लिए महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर विशेष हस्ताक्षरित लेख भी लिखा।

मेजबान देश पर निर्णय 2026 से पहले लिए जाने की उम्मीद नहीं है और यह 2027 में भी हो सकता है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) अगले साल अपने चुनाव कराने के बाद ही प्रक्रिया शुरू करेगी। पोलैंड, मैक्सिको, इंडोनेशिया, कतर और सऊदी अरब उन देशों में शामिल हैं जिन्होंने 2036 ओलंपिक खेलों की मेजबानी में रुचि दिखाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी महीने स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता के आयेजन की देश की क्षमता पर भरोसा जताया था।

उन्होंने कहा था, ‘‘भारत का सपना 2036 ओलंपिक की मेजबानी करना है, हम इसके लिए तैयारी कर रहे हैं।’’ मुर्मू ने जून में संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अपने संबोधन में भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया था। उन्होंने पिछले महीने राष्ट्रपति भवन में साइना नेहवाल के साथ बैडमिंटन खेलते हुए अपनी तस्वीरें साझा की थीं। तस्वीरों के कैप्शन में लिखा था कि राष्ट्रपति को ‘खेलों से स्वाभाविक प्यार है’। मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन से एशिया के सबसे पुराने फुटबॉल टूर्नामेंट डूरंड कप के ट्रॉफी दौरे को भी हरी झंडी दिखाई थी।