राजस्थान में पशु चिकित्सा सेवाओं का विस्तार: 19 प्रथम श्रेणी चिकित्सालय और 98 पशु चिकित्सालय क्रमोन्नत..
जयपुर..राजस्थान सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 की बजट घोषणा के तहत राज्य में पशु चिकित्सा सेवाओं के विस्तार को मजबूती प्रदान करते हुए 19 पशु चिकित्सालयों को प्रथम श्रेणी चिकित्सालयों में और 98 पशु चिकित्सा उपकेंद्रों को पशु चिकित्सालयों में क्रमोन्नत करने का निर्णय लिया है।
इसके लिए प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी गई है। पशुपालन एवं गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने इस कदम को प्रदेश में पशुपालकों के लिए बड़ा लाभकारी बताया।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पशुपालकों को उनके नजदीक बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इन क्रमोन्नत संस्थानों के जरिए न केवल बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि विभागीय योजनाओं का लाभ भी तेजी से मिलेगा।
--- कौन-कौन से जिलों को मिला लाभ? क्रमोन्नयन के तहत विभिन्न जिलों में पशु चिकित्सा संस्थानों को अपग्रेड किया गया है:
प्रथम श्रेणी चिकित्सालय: नागौर (2), भरतपुर (3), पाली (4), और अलवर, चित्तौड़गढ़, जालोर, कुचामन सिटी, झुंझुनू, बाड़मेर, सवाई माधोपुर, सीकर, बीकानेर, चूरू (1-1)। पशु चिकित्सा
उपकेंद्र से चिकित्सालय में क्रमोन्नत: बाड़मेर (8), भरतपुर और जयपुर (7-7), पाली (16), जालोर (9), नागौर, कोटा, भीलवाड़ा (4-4), अजमेर (6), झुंझुनू (5), दौसा, टोंक, चित्तौड़गढ़, जोधपुर (3-3), बीकानेर, चूरू, श्रीगंगानगर, सवाई माधोपुर, कुचामन सिटी (2-2), धौलपुर, उदयपुर, डूंगरपुर, सिरोही, सीकर, हनुमानगढ़ (1-1)।
--- नवीन पदों और सुविधाओं की स्वीकृति इन सभी क्रमोन्नत संस्थानों के लिए नए पदों के सृजन की स्वीकृति भी दी गई है। साथ ही, प्रत्येक संस्थान के लिए आवश्यक उपकरण और फर्नीचर हेतु तत्काल 30-30 हजार रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।
--- राज्य सरकार की प्रतिबद्धता मंत्री कुमावत ने कहा कि यह कदम प्रदेश में पशु चिकित्सा सेवाओं के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा और पशुपालकों के लिए एक नई उम्मीद जगाएगा। यह निर्णय न केवल पशुओं की देखभाल में सुधार करेगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा।
राज्य सरकार के इस प्रयास से राजस्थान पशुपालन क्षेत्र में अग्रणी बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है।
वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा कि रिपोर्ट