पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने व पत्रकारों पर हुए हमले के विरोध में ज्ञापन सोपा..
पाली। इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट ( आईएफडब्ल्यूजे ) पत्रकार संगठन पाली के जिलाध्यक्ष अरुण जोशी के नेतृत्व में पत्रकारों ने प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने व टोंक जिले के अलीगढ़ गांव में सड़क अवरोध कर प्रदर्शन कर रहे लोगों व तथा वहां डॉ किरोड़ी लाल मीना के उन्हें सम्बोधन के दौरान पीटीआई के स्थानीय संवाददाता अजित सिंह शेखावत व उनके कैमरामैन धर्मेंद्र पर जानलेवा हमला के आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नाम एक ज्ञापन पाली जिले कलेक्टर को सोपा।
ज्ञापन में बताया कि इस सुनियोजित ढंग से किए गए हमले में दोनों को गंभीर चोटें आई और उनके कैमरे और माइक तोड़ दिए गए। उसके पश्चात कैमरे को जला भी दिया गया।
जैसे तैसे दोनों ने डॉ किरोड़ी लाल मीना से सुरक्षा की गुहार लगाई जब तक उन्हें उन्मादी भीड़ में सम्मिलित अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों से बचाया जाता है तब तक गंभीर चोटें लगने से वह वहीं गिर पड़े।
बमुश्किल उनकी जान बच पाई। इस निंदनीय जानलेवा हमले को लेकर पत्रकारों में जबरदस्त रोष है। ज्ञापन में बताया कि आई एफ डब्ल्यू जे संगठन जो देश का प्रथम एवं अग्रणी पत्रकार संगठन हैं , साथ-ही-साथ राजस्थान प्रदेश का भी सबसे विस्तृत इकाइयों वाला एकमात्र पत्रकार संगठन भी।
इसके द्वारा लगातार पत्रकार सुरक्षा कानून लागू कराने की मांग विगत आठ वर्षों से उठाई जा रही है। संगठन द्वारा पत्रकारों की इस प्रमुख मांग को लेकर विगत सरकार के समय दो बार पत्रकारों द्वारा विधानसभा का घेराव भी किया गया था।
आपसे अनुरोध रहेगा कि टोंक के घटनाक्रम में दोषी लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के दिशानिर्देश जारी कराए , तथा पीड़ित पत्रकारों को उनके न्यूज कवरेज में काम आने वाले वो सभी उपकरण जिन्हें उपद्रवियों ने नष्ट कर दिए उनकी भरपाई कराई जावे साथ ही अविलंब पीड़ित पत्रकारों को आर्थिक सहायता मुहैया कराई जावे।
साथ ही आई एफ डब्ल्यू जे संगठन के प्रतिनिधियों को वार्ता के लिए अपना अमूल्य समय प्रदान करें ताकि पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने सहित पत्रकारों से संबंधितअन्य मुद्दों को आप महोदय के समक्ष प्रत्यक्ष रूप से रखा जा सके।
ज्ञापन देते समय वरिष्ठ पत्रकार मनोज शर्मा, धर्मेंद्र वैष्णव, छगनलाल भारद्वाज आदि मौजूद रहे।
वरिष्ठ संवाददाता अब्दुल समद राही कि रिपोर्ट