स्वदेश वापसी पर Arshad Nadeem का भव्य स्वागत

पाकिस्तान के पहले व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अरशद नदीम का स्वदेश वापसी पर प्रशंसकों ने जोरदार स्वागत किया और वह अपने परिवार से मुलाकात के दौरान काफी भावुक नजर आए। नदीम जब यहां पहुंचे तो उनका स्वागत ‘वाटर कैनन सैल्यूट’ से किया गया। यह एक राष्ट्रीय नायक का स्वागत था क्योंकि हजारों प्रशंसक नदीम की एक झलक पाने के लिए बेताब थे और धक्का-मुक्की के बीच उनके नाम के नारे लगा रहे थे। नदीम ने पेरिस खेलों की भाला फेंक स्पर्धा में 92.97 मीटर की दूरी तय करके स्वर्ण पदक जीता था। यहां पहुंचने पर नदीम ने अपनी मां, पिता और बड़े भाई को गले लगाया। अल्लामा इकबाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लाउंज के अंदर एक भावनात्मक पुनर्मिलन के दौरान उनके परिवार उन्हें माला पहनाई। बाद में उन्होंने अपने परिवार के अन्य सदस्यों और कुछ ग्रामीणों से भी मुलाकात की जो पंजाब प्रांत के ग्रामीण खानेवाल क्षेत्र में उनके गृह नगर मियां चन्नू से आए थे। जैसे ही नदीम और उनका परिवार टर्मिनल के निकास द्वार पर पहुंचा तो जो तख्तियां और पोस्टर लिए हुए लोग उन्हें माला पहनाने के लिए दौड़ पड़े और उन्हें अपने कंधों पर उठाने की कोशिश करने लगे। भीड़ के कारण सुरक्षा अधिकारियों को उन्हें वापस लाउंज में ले जाना पड़ा। प्रशंसक स्थानीय समयानुसार रात नौ बजे से ही हवाई अड्डे के आगमन टर्मिनल के पास इंतजार कर रहे थे। हालांकि उनकी उड़ान इस्तांबुल से सुबह एक बजकर 29 मिनट के आसपास उतरने वाली थी। सरकार के कई मंत्री और अधिकारी भी नदीम का स्वागत करने और उन्हें माला पहनाने के लिए लाउंज में मौजूद थे। नदीम ने 1984 के लॉस एंजिलिस ओलंपिक खेलों के बाद पाकिस्तान का पहला स्वर्ण पदक जीता। तब देश ने हॉकी में स्वर्ण पदक जीता था। नदीम ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले पाकिस्तान के पहले ट्रैक एवं फील्ड खिलाड़ी भी हैं।

स्वदेश वापसी पर Arshad Nadeem का भव्य स्वागत

पाकिस्तान के पहले व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अरशद नदीम का स्वदेश वापसी पर प्रशंसकों ने जोरदार स्वागत किया और वह अपने परिवार से मुलाकात के दौरान काफी भावुक नजर आए।

नदीम जब यहां पहुंचे तो उनका स्वागत ‘वाटर कैनन सैल्यूट’ से किया गया। यह एक राष्ट्रीय नायक का स्वागत था क्योंकि हजारों प्रशंसक नदीम की एक झलक पाने के लिए बेताब थे और धक्का-मुक्की के बीच उनके नाम के नारे लगा रहे थे।

नदीम ने पेरिस खेलों की भाला फेंक स्पर्धा में 92.97 मीटर की दूरी तय करके स्वर्ण पदक जीता था। यहां पहुंचने पर नदीम ने अपनी मां, पिता और बड़े भाई को गले लगाया। अल्लामा इकबाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लाउंज के अंदर एक भावनात्मक पुनर्मिलन के दौरान उनके परिवार उन्हें माला पहनाई।

बाद में उन्होंने अपने परिवार के अन्य सदस्यों और कुछ ग्रामीणों से भी मुलाकात की जो पंजाब प्रांत के ग्रामीण खानेवाल क्षेत्र में उनके गृह नगर मियां चन्नू से आए थे। जैसे ही नदीम और उनका परिवार टर्मिनल के निकास द्वार पर पहुंचा तो जो तख्तियां और पोस्टर लिए हुए लोग उन्हें माला पहनाने के लिए दौड़ पड़े और उन्हें अपने कंधों पर उठाने की कोशिश करने लगे।

भीड़ के कारण सुरक्षा अधिकारियों को उन्हें वापस लाउंज में ले जाना पड़ा। प्रशंसक स्थानीय समयानुसार रात नौ बजे से ही हवाई अड्डे के आगमन टर्मिनल के पास इंतजार कर रहे थे।

हालांकि उनकी उड़ान इस्तांबुल से सुबह एक बजकर 29 मिनट के आसपास उतरने वाली थी। सरकार के कई मंत्री और अधिकारी भी नदीम का स्वागत करने और उन्हें माला पहनाने के लिए लाउंज में मौजूद थे।

नदीम ने 1984 के लॉस एंजिलिस ओलंपिक खेलों के बाद पाकिस्तान का पहला स्वर्ण पदक जीता। तब देश ने हॉकी में स्वर्ण पदक जीता था। नदीम ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले पाकिस्तान के पहले ट्रैक एवं फील्ड खिलाड़ी भी हैं।