लाभ पंचमी क्यो और केसे मनाई जाती है।

लाभ पंचमी क्यो और केसे मनाई जाती है।

आज लाभ पंचमी है आज देशभर मे लोग लाभ पंचमी पुरे उत्साह और रितरिवाज से मना रहे है..

जोधपुर के पंण्डित शशीकांत व्यास जी बता रहे है लाभ पंचमी क्यो केसे और किस लिए मनाई जाती है।

लाभ पंचमी 6 नवंबर 2024 को है. इस दिन प्रात: काल मुहूर्त सुबह 06 बजकर 37 मिनट से सुबह 10 बजकर 15 मिनट तक है.।

लाभ पंचमी पर व्यापारी नए काम की शुरुआत करते हैं. सुख-सौभाग्य और मंगल कामना को लेकर किया जाने वाला सौभाग्य पंचमी का व्रत सभी इच्छाएं पूरी करता है. इस दिन लक्ष्मी जी के साथ गणपति जी की उपासना करनी चाहिए.।

लाभ पंचमी के दिन अबूझ मुहूर्त रहता है, ऐसे में इस दिन बिना मुहूर्त देखे मांगलिक कार्य कर सकते हैं. मान्यता है कि लाभ पंचमी पर चांदी या पीतल का कछुआ घर लाने से धन में वृद्धि होती है. सौभाग्य बढ़ता है.।

लाभ पंचमी पर व्यवसायी बही खाते के बायीं ओर शुभ, दायीं ओर लाभ लिखकर तथा प्रथम पृष्ठ के केन्द्र में एक स्वस्तिक बनाकर नये खाता-बही का उद्घाटन करते हैं. मान्यता है इससे आर्थिक समृद्धि बनी रहती है.।

सौभाग्य पंचमी पर मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं और फिर इसे 7 कन्याओं में बांट दें. मान्यता है इससे कारोबार में आ रही अड़चनें दूर होती है. लक्ष्मी जी का आशीर्वाद मिलता है.।

 लाभ पंचमी की पूजा के दौरान धन स्थान को अच्छी तरह साफ करें, फिर वहां मां लक्ष्मी को चढ़ाया एक फूल रखें. इस दिन एक लाल कपड़े में हल्दी की गांठ बांधकर तिजोरी में रखें, इससे बरकत होती है.।