राहत मिलेगी या बढेंगी मुश्किलें? AAP सांसद संजय सिंह की जमानत याचिका पर HC ने सुरक्षित रखा आदेश

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया, जो 2001 में सड़क पर विरोध प्रदर्शन से संबंधित आरोपों का सामना कर रहे हैं। न्यायमूर्ति के एस पवार ने मामले की सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया। इससे पहले बुधवार को हाईकोर्ट ने कहा था कि जमानत याचिका पर आदेश आने तक संजय सिंह को सुल्तानपुर कोर्ट में सरेंडर करने की जरूरत नहीं है। सिंह और पांच अन्य को सुल्तानपुर कोर्ट ने 11 जनवरी 2023 को दोषी ठहराया था और इस साल 6 अगस्त को सेशन कोर्ट ने उनकी अपील खारिज कर दी थी। इसे भी पढ़ें: केजरीवाल की तस्वीर के बिना अखबारों में विज्ञापन, भड़की AAP, आतिशी ने अधिकारियों को जारी किया नोटिसउत्तर प्रदेश की सुल्तानपुर अदालत ने 20 अगस्त को 23 साल पुराने मामले में संजय सिंह को गिरफ़्तार करने का आदेश दिया और पुलिस को 28 अगस्त को उन्हें अदालत में पेश करने को कहा। अदालत ने दो दशक पुराने मामले में संजय सिंह के सुनवाई में शामिल न होने पर कड़ी आपत्ति जताई। 13 अगस्त को सिंह, सपा नेता अनूप सांडा और चार अन्य के खिलाफ़ गैर-ज़मानती वारंट जारी किया गया था, जिसकी सुनवाई मंगलवार को होनी थी। लेकिन आरोपी अदालत में पेश नहीं हुए। इसे भी पढ़ें: फिर मुश्किल में AAP सांसद संजय सिंह, यूपी कोर्ट ने दो दशक पुराने मामले में गिरफ्तारी का दिया आदेश क्या था केस19 जून 2001 को शहर के सब्जी मंडी इलाके के पास ओवरब्रिज के पास पूर्व सपा विधायक अनूप संडा के नेतृत्व में खराब बिजली आपूर्ति के खिलाफ प्रदर्शन किया गया था। इसमें संजय सिंह के साथ पूर्व पार्षद कमल श्रीवास्तव, विजय कुमार, संतोष और सुभाष चौधरी ने हिस्सा लिया था। इन सभी के खिलाफ कोतवाली नगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। 11 जनवरी 2023 को विशेष मजिस्ट्रेट योगेश यादव ने सभी छह को दोषी करार देते हुए तीन माह के कारावास की सजा सुनाई थी। 9 अगस्त को छह लोगों को एमपी/एमएलए कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया था। जब वे ऐसा करने में विफल रहे तो विशेष मजिस्ट्रेट शुभम वर्मा ने सभी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया।

राहत मिलेगी या बढेंगी मुश्किलें? AAP सांसद संजय सिंह की जमानत याचिका पर HC ने सुरक्षित रखा आदेश
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया, जो 2001 में सड़क पर विरोध प्रदर्शन से संबंधित आरोपों का सामना कर रहे हैं। न्यायमूर्ति के एस पवार ने मामले की सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया। इससे पहले बुधवार को हाईकोर्ट ने कहा था कि जमानत याचिका पर आदेश आने तक संजय सिंह को सुल्तानपुर कोर्ट में सरेंडर करने की जरूरत नहीं है। सिंह और पांच अन्य को सुल्तानपुर कोर्ट ने 11 जनवरी 2023 को दोषी ठहराया था और इस साल 6 अगस्त को सेशन कोर्ट ने उनकी अपील खारिज कर दी थी।
 

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उत्तर प्रदेश की सुल्तानपुर अदालत ने 20 अगस्त को 23 साल पुराने मामले में संजय सिंह को गिरफ़्तार करने का आदेश दिया और पुलिस को 28 अगस्त को उन्हें अदालत में पेश करने को कहा। अदालत ने दो दशक पुराने मामले में संजय सिंह के सुनवाई में शामिल न होने पर कड़ी आपत्ति जताई। 13 अगस्त को सिंह, सपा नेता अनूप सांडा और चार अन्य के खिलाफ़ गैर-ज़मानती वारंट जारी किया गया था, जिसकी सुनवाई मंगलवार को होनी थी। लेकिन आरोपी अदालत में पेश नहीं हुए।
 

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क्या था केस

19 जून 2001 को शहर के सब्जी मंडी इलाके के पास ओवरब्रिज के पास पूर्व सपा विधायक अनूप संडा के नेतृत्व में खराब बिजली आपूर्ति के खिलाफ प्रदर्शन किया गया था। इसमें संजय सिंह के साथ पूर्व पार्षद कमल श्रीवास्तव, विजय कुमार, संतोष और सुभाष चौधरी ने हिस्सा लिया था। इन सभी के खिलाफ कोतवाली नगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। 11 जनवरी 2023 को विशेष मजिस्ट्रेट योगेश यादव ने सभी छह को दोषी करार देते हुए तीन माह के कारावास की सजा सुनाई थी। 9 अगस्त को छह लोगों को एमपी/एमएलए कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया था। जब वे ऐसा करने में विफल रहे तो विशेष मजिस्ट्रेट शुभम वर्मा ने सभी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया।