राजसमंद: पशु चिकित्सक और दलाल रिश्वत लेते गिरफ्तार, टैग और स्वास्थ्य प्रमाण पत्र के बदले वसूली जा रही थी रिश्वत..
राजसमंद। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने जिले में बड़ी कार्रवाई करते हुए पशु चिकित्सक और एक दलाल को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है।
मामला पशुओं के कानों पर टैग लगाने और स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी करने के बदले रिश्वत वसूली का है। यह कार्रवाई क्षेत्र में फैले भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के उद्देश्य से की गई।
कैसे हुआ मामला उजागर.? सूत्रों के अनुसार, शिकायतकर्ता ने एसीबी को सूचना दी कि पशु चिकित्सक और उसके सहयोगी दलाल द्वारा पशुओं के कानों पर टैग
लगाने और उनके स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी करने के लिए पैसे की मांग की जा रही है। शिकायत की पुष्टि के बाद एसीबी ने एक विशेष टीम का गठन कर आरोपी को रंगे हाथों पकड़ने की योजना बनाई।
रंगे हाथों पकड़े गए आरोपी- एसीबी की टीम ने आरोपियों को शिकायतकर्ता से रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। पशु चिकित्सक और दलाल की पहचान गोपनीय रखी गई है।
यह भी खुलासा हुआ है कि यह रिश्वतखोरी का धंधा लंबे समय से चल रहा था और इसमें अन्य लोगों की संलिप्तता की भी जांच की जा रही है।
किसानों पर पड़ रहा था दबाव- रिश्वतखोरी के इस कृत्य से पशुपालकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। टैग और स्वास्थ्य प्रमाण पत्र के बिना पशुओं को बेचने और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में कठिनाई हो रही थी।
एसीबी की चेतावनी- भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अधिकारी ने कहा कि इस कार्रवाई का उद्देश्य भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करना है। उन्होंने जनता से अपील की है कि यदि किसी भी सरकारी अधिकारी द्वारा रिश्वत मांगी जाती है, तो तुरंत एसीबी को सूचित करें।
क्षेत्र में फैला आक्रोश- इस घटना के बाद क्षेत्र के किसानों और पशुपालकों में आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में कोई अधिकारी इस तरह का कदम न उठा सके।
राजसमंद में हुई इस कार्रवाई से भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की मंशा साफ नजर आती है। ऐसे मामलों को उजागर करना और दोषियों को सजा दिलाना जरूरी है ताकि प्रशासनिक प्रणाली पर जनता का विश्वास बना रहे।
वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा कि रिपोर्ट