दक्षिण अफ्रीका की सोने की खदान में 100 मजदूरों की मौत: महीनों तक फंसे रहने के बाद जिंदा दफन..

दक्षिण अफ्रीका की सोने की खदान में 100 मजदूरों की मौत: महीनों तक फंसे रहने के बाद जिंदा दफन..

नई दिल्ली: दक्षिण अफ्रीका के उत्तर पश्चिम प्रांत में एक सोने की खदान में अवैध खनन कर रहे 100 से अधिक मजदूरों की मौत हो गई।

 यह खदान लंबे समय से खाली पड़ी थी और अवैध रूप से खनन का केंद्र बन गई थी।

 महीनों तक खदान में फंसे मजदूरों को बचाने की तमाम कोशिशें नाकाम रहीं।

 घटना का खुलासा: माइनर्स के एक समूह के प्रवक्ता सबेलो मनगुनी ने बताया कि खदान के अंदर से दो वीडियो प्राप्त हुए हैं, जिनमें दर्जनों शव प्लास्टिक में लिपटे हुए पड़े हैं।

 इन वीडियोज को वहां बचे हुए कुछ लोगों ने एक मोबाइल फोन के जरिए बाहर भेजा। सबेलो ने दावा किया कि कम से कम 100 लोगों की मौत हुई है, हालांकि मरने वालों की संख्या इससे अधिक हो सकती है।

 बचाव अभियान और प्रशासनिक प्रतिक्रिया: पुलिस ने नवंबर में ही इन मजदूरों को बचाने का अभियान शुरू किया था, लेकिन कठिन हालात के चलते अभियान लंबे समय तक प्रभावी नहीं हो पाया।

अब तक 18 शवों को खदान से बाहर निकाला गया है, जबकि 26 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। माइनर कम्युनिटी ने अतिरिक्त 9 शव निकाले हैं।

पुलिस प्रवक्ता ब्रिग सेबाता मोगवाबोन ने कहा, "हम अब भी शवों और बचाए गए लोगों की कुल संख्या का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। अंदर कितने लोग अभी भी फंसे हैं, यह जानकारी स्पष्ट नहीं है।"

 अवैध खनन और खतरनाक खदानें: दक्षिण अफ्रीका में खनन कंपनियां खदानें खाली होने के बाद उन्हें यूं ही छोड़ देती हैं। इससे स्थानीय लोग अवैध रूप से इन खदानों में सोना तलाशने के लिए घुस जाते हैं।

मजदूरों का मानना होता है कि वे इन खदानों में छूटे हुए सोने को खोज सकते हैं, लेकिन यह जानलेवा साबित होता है।

वीडियो में दिखा खौफनाक मंजर: मोबाइल में मिले वीडियो में खदान के अंदर शवों का ढेर दिखाई दे रहा है। कुछ लोग आस-पास बैठे इस उम्मीद में थे कि उन्हें बचा लिया जाएगा।

यह दृश्य इतना भयावह था कि प्रशासन ने इन वीडियो को सार्वजनिक करने से मना कर दिया है।

 प्रशासन की चेतावनी की अनदेखी: प्रशासन ने पहले ही मजदूरों को खदान में जाने से मना किया था। इसके बावजूद मजदूरों ने खतरों की अनदेखी करते हुए अंदर प्रवेश किया।

 इसके परिणामस्वरूप यह बड़ी त्रासदी हुई। आगे की कार्रवाई: इस घटना ने खनन कंपनियों और प्रशासनिक नीतियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

 अब देखना होगा कि दक्षिण अफ्रीकी सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या उपाय करती है।

वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा कि रिपोर्ट