अब मनपसंद स्कूलों से दूर जाएंगे गुरुजी! शिक्षा विभाग अधिशेष शिक्षकों का करेगा समायोजन, आदेश जल्द जारी..

अब मनपसंद स्कूलों से दूर जाएंगे गुरुजी! शिक्षा विभाग अधिशेष शिक्षकों का करेगा समायोजन, आदेश जल्द जारी..

राजस्थान के शिक्षकों के लिए बड़ा बदलाव आने वाला है। शिक्षा विभाग ने राज्य के विद्यालयों में अधिशेष शिक्षकों के समायोजन की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया है।

 इसके तहत, उन शिक्षकों को अब अपनी मनपसंद जगहों से हटना पड़ेगा, जो खाली पद न होने के बावजूद वर्षों से वहां कार्यरत हैं।

 प्रक्रिया और समय सीमा

  1. 25 नवंबर तक शिक्षा विभाग को अधिशेष शिक्षकों की पदवार सूची तैयार करनी होगी।
  2. 2. 28 नवंबर तक संभावित पदस्थापन स्थानों सहित सूची प्रारंभिक शिक्षा विभाग को सौंपनी होगी।
  3. 3. 25 नवंबर से समायोजन प्रक्रिया आधिकारिक रूप से शुरू की जाएगी।
  4. क्या है समायोजन की वजह?
  5. राज्य के कई विद्यालयों में शिक्षकों की संख्या आवश्यकता से अधिक है, जबकि कई अन्य विद्यालयों में शिक्षक पद खाली पड़े हैं। यह असंतुलन छात्रों की पढ़ाई पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है।
  6.  विशेष रूप से, महात्मा गांधी राजकीय विद्यालयों और अन्य क्रमोन्नत विद्यालयों में खाली पद न होने के बावजूद शिक्षक नियुक्त हैं, जबकि ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में शिक्षक पद खाली हैं।
  7.  कौन होगा प्रभावित?
  8. वे शिक्षक जो बिना स्वीकृत पद के काम कर रहे हैं। ऐसे शिक्षक जो अपनी मनपसंद जगहों पर वर्षों से जमे हुए हैं। जिन विद्यालयों में शिक्षकों की आवश्यकता नहीं है।
  9.  प्रभाव और प्रतिक्रियाएँ इस आदेश के लागू होने से कई शिक्षकों को अपने पसंदीदा स्कूलों को छोड़कर उन स्थानों पर जाना होगा जहां उनकी अधिक आवश्यकता है। हालांकि, यह कदम शिक्षा प्रणाली को संतुलित और प्रभावी बनाने के लिए उठाया जा रहा है।
  10. शिक्षकों और शिक्षा विभाग के बीच इसे लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। शिक्षा अधिकारियों को निर्देश शिक्षा अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि वे सभी विद्यालयों की स्थिति का अध्ययन करें और समायोजन की प्रक्रिया को पारदर्शिता से लागू करें।
  11.  साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाए कि जहां भी शिक्षकों की कमी है, वहां प्राथमिकता के आधार पर पदस्थापन किया जाए। यह कदम राज्य की शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने का प्रयास है, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि यह शिक्षकों और छात्रों दोनों के लिए कितना प्रभावी साबित होता है।
  12.  वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा कि रिपोर्ट