बच्चों का मनोरंजन व ज्ञानवर्धन करता जादुई पिटारा..
विमला नागला का जादुई पिटारा जब मैंने सिम-सिम खुल जा कहते हुए खोला तो उसमें से सुंदर सलोनी शब्द रूपी हीरे जड़ित, अमूल्य 15 कहानियों की माला प्रकट हुई।
इस माला की सौंधी खुशबू से हम मंत्र-मुग्ध हो मैं यह बताना चाहता हूं कि हिंदी, राजस्थानी साहित्य जगत में बाल साहित्य लेखन के लिए ही नहीं बल्कि कविता, कहानी, लघु कथा, अनुवाद एवं आलोचनात्मक लेखन के लिए विमला नागला का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है जादुई पिटारा इनका सद्य: प्रकाशित बाल कहानी संग्रह है।
संग्रह की सभी कहानियां सहज एवं सरल भाषा में लिखी गई हैं जो बच्चों का मनोरंजन के साथ ज्ञानवर्धन करती है। हम जब छोटे थे तब सोने से पूर्व खूब दादी-नानी से किस्से कहानियां सुनते थे किंतु आज के व्यस्ततम जीवन में एकाकी परिवार ने उस क्रम को तोड़ दिया है।
बच्चों को दादा-दादी, नाना-नानी, चाचा-चाची आदि से किस्से कहानियां सुनने को नहीं मिलती। इस कमी की पूर्ति बाल पत्रिकाएं या बाल कहानी संग्रह कर रहे हैं।
विमला नागला का बाल कहानी संग्रह जादुई पिटारा इस और बढ़ाया गया एक सफल कदम है। संग्रह की प्रथम कहानी बच गई खुशबू में प्रकृति का जिक्र करते गांव का मनोरम चित्रण प्रस्तुत किया है गांव की माटी की भीनी-भीनी खुशबू धुंआ और धूल में परिवर्तित हो जाती है जिसका सुगंधा को बहुत दुख होता है।
सुगंधा की पीड़ा और आने वाले समय के भयानक परिणाम को देखते हुए नानी भूमि बचाओ मुहिम में जुट जाती हैं और गांव की धारा की सोंधी-सोंधी मीठी खुशबू को बचा लेती हैं। कहानी को पढ़कर मुझे भी अपनी बाल कविता की पंक्तियां याद आ गई- जंगल हमने काट दिए बनी बड़ी मीनारें बादल नहीं बनते अब धुंआ फैकती कारें।
हकीकत में आज गांव का मंजर बदल गया हैं वहां पेड़ों को काटकर बड़ी-बड़ी फैक्ट्रीयों का निर्माण हो रहा है गांव की हरियाली और रहन-सहन सारा बदल रहा है। जीत का जश्न एक प्रेरणादायक कहानी है जिसमें हर परिस्थिति में हंसते मुस्कुराते हुए सभी को साथ लेकर काम करने के साथ मेहनती, ईमानदार, कर्त्तव्य निष्ठ बनने की प्रेरणा दी गई है इन्हीं सभी गुण के कारण हंसमुख चींटी को रानी घोषित किया जाता है और जीत का जश्न मनाया जाता है। कहानी खेल-खेल में बच्चों को हर काम सोच समझ कर करने की सीख देती हैं ।
वरना इसके भयानक परिणाम भुगतने पड़ते हैं जैसा अंकित के साथ हुआ उसकी नासमझी के कारण उसे अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। खिल उठी कुसुम कहानी आज कल बढ़ रही घटनाओं का जीता जागता सबूत हैं। लालची भेड़िए अपनी हवस मिटाने के लिए इतना गिर जाते हैं कि नन्हे-नन्हे मौसम बच्चियों को भी नहीं छोड़ते कहानी द्वारा बच्चों में हिम्मत और हौसला भरने की सार्थक कोशिश की है।
आज हर विद्यालय में सुनयना मैडम जैसी अध्यापिका होनी चाहिए जो बच्चियों में हिम्मत और हौसला भरे परेशानियों में डटकर मुकाबला करने की सीख दें। लाली की लिपस्टिक कहानी को उदयपुर भ्रमण के साथ मदारी के खेल से जोड़कर मनोरंजक कहानी बनाकर बच्चों को खूब हंसाया और कला और कलाकार कद्र कर उनकी मदद करने की सीख दी है।
खुशी से झूमा एक मार्मिक कहानी है हमारे आसपास भी अर्जुन जैसे बहुत से बच्चे हैं उनकी हमें तलाश करनी चाहिए और उन्हें पढ़ने के लिए प्रेरित कर उनकी मदद करनी चाहिए। संग्रह की शीर्षक कहानी जादुई पिटारा मनोरंजक एवं ज्ञानवर्धक कहानी है धुआं, धूल, कचरे से धरती मां बहुत दुखी हैं धरती को एकदम स्वच्छ,सुंदर, खुशहाल, हरा-भरा बनाकर प्रदूषण मुक्त करने का संदेश दिया गया है।
प्यारी दोस्त कहानी के माध्यम से पशु पक्षियों से दोस्ती मोबाइल से दूरी और पुस्तकों से प्रेम का अच्छा संदेश दिया है। बिजली और पानी की जटिल समस्या को रेखांकित करती कहानी खुशियों की बाहर बहुत ही सुंदर कहानी है आज बच्चे क्या बड़े भी बिजली-पानी का दुरुपयोग करते हुए नजर आते हैं जब बिजली का भारी भरकम बिल आता है तो होश उड़ जाते हैं बिजली पानी बचाने की बहुत अच्छी सीख दी गई है।
जल है तो कल है यह बात सच है क्योंकि दुनिया की जनसंख्या के अनुपात में जल की मात्रा बहुत कम हो गई हैं जो आने वाले समय के लिए बहुत दुखदाई हैं। स्वर्ग से सुंदर एक प्रेरणादायक कहानी है जिसमें हर एक वस्तु का सदुपयोग करने की सीख दी गई है तोते की अकलमंदी से हरे-भरे फल से लदे पेड़ को बचा लिया गया और हाथी को भरपेट केले खाने को भी मिल गए। सावन की रिमझिम फुहार बच्चों को बहुत अच्छी लगती हैं उसमें नहाना खेलना कूदना बच्चों को बहुत भाता है जब बारिश बंद हो जाती है तो आसमान में सतरंगी इंद्रधनुष देखकर बच्चों के चेहरे खिल जाते हैं। इंद्रधनुष के माध्यम से बच्चों को रक्षाबंधन के साथ पेड़ लगाने का सुंदर संदेश दिया है।
कानू भी पढेगी कहानी में कानू की अकल होशियारी से बहुत बड़ी आतंकी घटना का पर्दाफाश होता है मन में पढ़ने की ललक और कोई हुनर हो तो उसमें जरुर कामयाबी मिलती है और साथ में मान सम्मान भी मिलता है और यह तभी सम्भव होता है जब हम लोग पढ़ेंगे और आगे बढ़ेंगे।
भूत भाग गया कहानी के माध्यम से बच्चों के मन में बेठे भूत के डर को भगाने की कोशिश की गई है। बच्चों में प्रतिभा होने के बावजूद भी वह अपने आलसी पन से कुछ भी नहीं कर पाते आलस के कारण कहीं भी मन नहीं लगता जिससे पढ़ाई के साथ ही कई जगह भारी नुकसान उठाना पड़ता है विशेषकर बच्चियों को आज के हालात देखते हुए आत्मरक्षा प्रशिक्षण अवश्य लेना चाहिए ताकि हर परेशानी में वह उसका मुकाबला कर सके- नहीं है कमजोर कहानी में इसी बात पर विशेष ध्यान आकर्षित किया गया है।
अन्न का अपमान संग्रह की आखिरी बहुत ही रोचक और प्रेरणादायक कहानी है जिसमें अन्न के महत्व को बताया गया है। किस तरह किसान रात-दिन सर्दी गर्मी वर्षा की चिंता को छोड़कर कड़ी मेहनत कर अन्न उगाते हैं और मनुष्य उसे जूठा छोड़ देते हैं किसी को एक वक्त का खाना भी नसीब नहीं होता तो दूसरी तरफ इसे बेकार समझ कर फेंक देते हैं। बच्चे तो क्या बड़े भी इस कहानी को पढ़कर शादी ब्याह में होने वाले खाने की बर्बादी को रोकेंगे यह मेरा विश्वास है।
कुल मिलाकर संग्रह की सभी कहानियां शिक्षाप्रद एवं ज्ञानवर्धक हैं पंडित जवाहरलाल नेहरू साहित्य अकादमी राजस्थान एवं इंडिया नेटबुक्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्रकाशित बाल कहानी संग्रह जादुई पिटारा को श्रीमती नागला ने अपनी माता श्रीमती प्रेम लता नागला को समर्पित किया है जो माता के प्रति अटूट प्रेम को दर्शाता है। पुस्तक का आवरण बहुत ही सुहावना है। कागज और छपाई भी उच्च स्तरीय हैं। हिंदी साहित्य जगत में पुस्तक का सर्वत्र स्वागत होगा ऐसी उम्मीद करते हैं।
पुस्तक समिक्षा.. जनाब अब्दुल समद राही