डिजिटल एरेस्ट क्या है और हम इससे कैसे बच सकते है.।
आज कल एक शब्द हम अक्सर सुनते है डिजिटल एरेस्ट आखिर ये डिजिटल एरेस्ट क्या है और केसे होता है आइये जानते है एक्सपर्ट क्या कहते है डिजिटल एरेस्ट पर और हम केसे बच सकते है इस धोकाधड़ी के नये तरीके से।
डिजिटल अरेस्ट वॉट्सऐप कॉल पर की जाने वाली ब्लैकमेलिंग है, जिसमें पुलिस की वर्दी पहनकर या सरकारी विभाग का अधिकारी बनकर साइबर ठग लोगों को इमोशनली और मेंटली टॉर्चर करते हैं।
साइबर ठग लोगों को यकीन दिलाते हैं कि उनके या उनके किसी परिजन के साथ कुछ बुरा हो चुका है या होने वाला है। चूंकि सामने बैठा शख्स पुलिस की वर्दी में होता है तो अधिकांश लोग डर जाते हैं।
इसके बाद उनके जाल में फंसते चले जाते हैं। AIG साइबर क्राइम वैभव श्रीवास्तव बताते हैं डिजिटल अरेस्ट की पहचान करने के लिए सावधान और सतर्क रहने की जरूरत है। अगर आपके पास अनजान नंबर से कोई फोन कॉल आता है तो नीचे ग्राफिक में दी इन बातों का ध्यान रखें।
साइबर एक्सपर्ट राहुल मिश्रा कहते हैं कि डिजिटल अरेस्ट में साइबर ठगों का सबसे बड़ा हथियार वॉट्सऐप है। वॉट्सऐप वीडियो कॉल के जरिए ही वह लोगों को अपना शिकार बनाते हैं।
इसलिए सबसे पहले अपने वॉट्सऐप की सेटिंग्स में कुछ बदलाव करें, जिससे अगर कोई अनजान नंबर से कॉल आए तो आपके पास सिर्फ नोटिफिकेशन पहुंचे। इसके बाद इन बातों का ध्यान रखें। वॉट्सऐप, फेसबुक या इंस्टाग्राम पर आने वाले किसी भी संदिग्ध कॉल को न उठाएं। अगर फोन उठा लिया है तो घबराएं नहीं।
बस अपनी पर्सनल और फाइनेंशियल जानकारी शेयर न करें। शुरूआत में शक होने पर तुरंत फोन काट दें। फोन पर लंबी बातचीत करने से बचें। अनजान नंबर से आए कॉल को तुरंत ट्रू-कॉलर जैसे ऐप से वेरिफाई जरूर करें। हाल ही में भारत सरकार ने करीब 1.7 करोड़ सिम कार्ड को बंद किया है।
ये सभी सिम कार्ड फर्जी आधार कार्ड और अन्य डॉक्यूमेंट्स के जरिए इश्यू कराए गए थे। इसके अलावा आप साइबर क्राइम के हेल्पलाइन नंबर 1930 पर इसकी शिकायत कर सकते हैं।