Srinagar Book Fair में विभिन्न भारतीय भाषाओं की पुस्तकों को खरीदने के लिए आ रही है अच्छी खासी भीड़
Srinagar Book Fair में विभिन्न भारतीय भाषाओं की पुस्तकों को खरीदने के लिए आ रही है अच्छी खासी भीड़
श्रीनगर में इन दिनों चल रहा नौ दिवसीय पुस्तक मेला हर पुस्तक प्रेमी के लिए आकर्षण का विषय बना हुआ है। हम आपको बता दें कि एसकेआईसीसी में चल रहे नौ दिवसीय पुस्तक मेले में पाठकों की खूब भीड़ उमड़ रही है। यह स्थल खूबसूरत डल झील के ठीक पीछे स्थित है इसलिए यहां पर पुस्तक मेले का आयोजन पूरे क्षेत्र के पुस्तक प्रेमियों के लिए खास है। हम आपको बता दें कि इस पुस्तक मेले में 200 से अधिक स्टॉल लगाये गये हैं जिनमें अंग्रेजी, उर्दू, कश्मीरी, हिंदी, डोगरी और अन्य भारतीय भाषाओं की पुस्तकों का समृद्ध संग्रह है। प्रभासाक्षी संवाददाता ने पुस्तक मेले की कवरेज के दौरान पाया कि सभी उम्र के पाठक मेले का दौरा कर रहे हैं। इस पुस्तक मेले में साहित्य और कविता से लेकर अकादमिक पुस्तकों और बच्चों के लिए किताबों की विस्तृत श्रृंखला मौजूद है।प्रभासाक्षी से बात करते हुए, श्रीनगर के एक शिक्षक ने कहा कि किताबें हर किसी के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उन्होंने कहा कि किताबें खजाने की तरह हैं। उन्होंने कहा कि स्कूल जाने के अलावा व्यक्ति को अधिक से अधिक किताबें पढ़नी चाहिए। पुस्तक मेले में आये दिल्ली के एक पुस्तक विक्रेता ने कहा, यह केवल किताबें खरीदने का आयोजन नहीं है; बल्कि यह युवा पीढ़ी को और अधिक पढ़ने के लिए प्रोत्साहन देने जैसा है। उन्होंने कहा, "यह एक तरह का सांस्कृतिक उत्सव है जो सभी समुदायों को एकजुट करता है।"इसे भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर में मिलकर चुनाव लड़ेगी कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस, फारूक अब्दुल्ला ने गठबंधन का किया ऐलानहम आपको बता दें कि स्थानीय और राष्ट्रीय प्रकाशकों द्वारा संचालित स्टालों पर मेले के पहले दिन से ही लोगों की काफी भीड़ देखी जा रही है। इस पुस्तक मेले की खास बात यह है कि इसने श्रीनगर के निवासियों और अन्य लोगों के बीच पुस्तकों में रुचि को पुनर्जीवित कर दिया है।
श्रीनगर में इन दिनों चल रहा नौ दिवसीय पुस्तक मेला हर पुस्तक प्रेमी के लिए आकर्षण का विषय बना हुआ है। हम आपको बता दें कि एसकेआईसीसी में चल रहे नौ दिवसीय पुस्तक मेले में पाठकों की खूब भीड़ उमड़ रही है। यह स्थल खूबसूरत डल झील के ठीक पीछे स्थित है इसलिए यहां पर पुस्तक मेले का आयोजन पूरे क्षेत्र के पुस्तक प्रेमियों के लिए खास है। हम आपको बता दें कि इस पुस्तक मेले में 200 से अधिक स्टॉल लगाये गये हैं जिनमें अंग्रेजी, उर्दू, कश्मीरी, हिंदी, डोगरी और अन्य भारतीय भाषाओं की पुस्तकों का समृद्ध संग्रह है। प्रभासाक्षी संवाददाता ने पुस्तक मेले की कवरेज के दौरान पाया कि सभी उम्र के पाठक मेले का दौरा कर रहे हैं। इस पुस्तक मेले में साहित्य और कविता से लेकर अकादमिक पुस्तकों और बच्चों के लिए किताबों की विस्तृत श्रृंखला मौजूद है।
प्रभासाक्षी से बात करते हुए, श्रीनगर के एक शिक्षक ने कहा कि किताबें हर किसी के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उन्होंने कहा कि किताबें खजाने की तरह हैं। उन्होंने कहा कि स्कूल जाने के अलावा व्यक्ति को अधिक से अधिक किताबें पढ़नी चाहिए। पुस्तक मेले में आये दिल्ली के एक पुस्तक विक्रेता ने कहा, यह केवल किताबें खरीदने का आयोजन नहीं है; बल्कि यह युवा पीढ़ी को और अधिक पढ़ने के लिए प्रोत्साहन देने जैसा है। उन्होंने कहा, "यह एक तरह का सांस्कृतिक उत्सव है जो सभी समुदायों को एकजुट करता है।"
हम आपको बता दें कि स्थानीय और राष्ट्रीय प्रकाशकों द्वारा संचालित स्टालों पर मेले के पहले दिन से ही लोगों की काफी भीड़ देखी जा रही है। इस पुस्तक मेले की खास बात यह है कि इसने श्रीनगर के निवासियों और अन्य लोगों के बीच पुस्तकों में रुचि को पुनर्जीवित कर दिया है।