Arvind Kejriwal Birthday: जिंदगी के 55वें बसंत में पहुंचे दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल, एक दशक की राजनीति में देखे कई उतार-चढ़ाव

आज यानी की 16 अगस्त को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल अपना 55वां जन्मदिन मना रहे हैं। वर्तमान समय में केजरीवाल न सिर्फ दिल्ली बल्कि देश की सियासत में बड़ा नाम हैं। उन्होंने एक दशक के राजनीतिक सफर में कई उतार-चढ़ाव देखें। एक आंदोलनकारी से सियासी-जादूगर तक के जीवन के कई रोचक किस्से हैं। तो आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में और केजरीवाल के आम से खास होने के इस सफर के बारे में...जन्म और शिक्षाहरियाणा के हिसार में 16 अगस्त 1968 को अरविंद केजरीवाल का जन्म हुआ था। केजरीवाल की पत्नी का नाम सुनीता हैं और वह भी केजरीवाल की तरह IRS अधिकारी रही हैं। बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने IIT खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक की पढ़ाई की है। इसके अलावा उन्होंने देश की नामी कंपनी टाटा स्टील में भी काम किया है। फिर केजरीवाल ने सिविल सेवा परीक्षा पास की। फिर साल 1995 में वह आयकर के एसोसिएट निदेशक रहे। इसके बाद उन्होंने नौकरशाही को अलविदा कह दिया।सेवा के लिए बनाया संगठनइसके बाद लोगों की सेवा के लिए केजरीवाल ने एक संगठन बनाया। केजरीवाल ने सरकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़ी और उनके प्रयासों को ख्याति मिली। फिर साल 2006 में केजरीवाल को रेमन मैग्सेस पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके बाद केजरीवाल अन्ना आंदोलन 'इंडिया अगेंस्ट करप्शन' से जुड़ गए। इस आंदोलन से केजरीवाल को नई पहचान मिली। साल 2011 में देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ इस आंदोलन ने बिगुल फूंका और जन लोकपाल विधेयक की मांग की थी। जिसका मकसद नौकरशाहों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के लिए स्वतंत्र लोकपाल का गठन था।अन्ना आंदोलन और केजरीवालअन्ना आंदोलन में केजरीवाल अहम चेहरा थे और उन्होंने राजनीतिक व्यवस्था में भ्रष्टाचार के खिलाफ कांग्रेस को निशाना बनाते हुए अपनी आवाज बुलंद की। इससे न सिर्फ वह आंदोलन का अहम चेहरा बनें, बल्कि उनको देश में पहचान भी मिली। इस आंदोलन के बाद उन्होंने अपनी पार्टी बनाया और चुनाव लड़ा। साथ ही केजरीवाल ने जनता से भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देने का वाला किया।'आम' से 'खास' होने का सफरकेजरीवाल ने 26 नवंबर 2012 को आम आदमी पार्टी का गठन किया। अन्ना आंदोलन से निकली यह पार्टी अब दिल्ली और देश की सियासत में खास हो चुकी है। पहले चुनाव में सिर्फ 28 सीटें जीतने वाली आप पार्टी की वर्तमान समय में दिल्ली और पंजाब दो राज्यों में सरकार है। पार्टी का चुनाव चिन्ह झाड़ू है। पहली बार 28 दिसंबर 2013 को अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के सीएम पद की कुर्सी संभाली थी। इस दौरान उन्होंने लंबे समय से सीएम रही शीला दीक्षित को हराया था।हालांकि पूर्ण बहुमत का आंकड़ा न होने के कारण उन्हें कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई। लेकिन फिर 49 दिन बाद उन्होंने साल 2014 में इस्तीफा दे दिया। साल 2015 के चुनाव में आप ने दिल्ली की सियासत में इतिहास लिखने का काम किया और 70 में से 67 सीटों पर जीत हासिल की। इस तरह से 14 फरवरी को वह दोबारा दिल्ली के सीएम बनें। वहीं साल 2020 में पार्टी ने अपना दबदबा जारी रखते हुए जीत हासिल की और इस तरह से केजरीवाल तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बनें।

Arvind Kejriwal Birthday: जिंदगी के 55वें बसंत में पहुंचे दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल, एक दशक की राजनीति में देखे कई उतार-चढ़ाव
आज यानी की 16 अगस्त को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल अपना 55वां जन्मदिन मना रहे हैं। वर्तमान समय में केजरीवाल न सिर्फ दिल्ली बल्कि देश की सियासत में बड़ा नाम हैं। उन्होंने एक दशक के राजनीतिक सफर में कई उतार-चढ़ाव देखें। एक आंदोलनकारी से सियासी-जादूगर तक के जीवन के कई रोचक किस्से हैं। तो आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में और केजरीवाल के आम से खास होने के इस सफर के बारे में...

जन्म और शिक्षा
हरियाणा के हिसार में 16 अगस्त 1968 को अरविंद केजरीवाल का जन्म हुआ था। केजरीवाल की पत्नी का नाम सुनीता हैं और वह भी केजरीवाल की तरह IRS अधिकारी रही हैं। बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने IIT खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक की पढ़ाई की है। इसके अलावा उन्होंने देश की नामी कंपनी टाटा स्टील में भी काम किया है। फिर केजरीवाल ने सिविल सेवा परीक्षा पास की। फिर साल 1995 में वह आयकर के एसोसिएट निदेशक रहे। इसके बाद उन्होंने नौकरशाही को अलविदा कह दिया।

सेवा के लिए बनाया संगठन
इसके बाद लोगों की सेवा के लिए केजरीवाल ने एक संगठन बनाया। केजरीवाल ने सरकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़ी और उनके प्रयासों को ख्याति मिली। फिर साल 2006 में केजरीवाल को रेमन मैग्सेस पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके बाद केजरीवाल अन्ना आंदोलन 'इंडिया अगेंस्ट करप्शन' से जुड़ गए। इस आंदोलन से केजरीवाल को नई पहचान मिली। साल 2011 में देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ इस आंदोलन ने बिगुल फूंका और जन लोकपाल विधेयक की मांग की थी। जिसका मकसद नौकरशाहों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के लिए स्वतंत्र लोकपाल का गठन था।

अन्ना आंदोलन और केजरीवाल
अन्ना आंदोलन में केजरीवाल अहम चेहरा थे और उन्होंने राजनीतिक व्यवस्था में भ्रष्टाचार के खिलाफ कांग्रेस को निशाना बनाते हुए अपनी आवाज बुलंद की। इससे न सिर्फ वह आंदोलन का अहम चेहरा बनें, बल्कि उनको देश में पहचान भी मिली। इस आंदोलन के बाद उन्होंने अपनी पार्टी बनाया और चुनाव लड़ा। साथ ही केजरीवाल ने जनता से भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देने का वाला किया।

'आम' से 'खास' होने का सफर
केजरीवाल ने 26 नवंबर 2012 को आम आदमी पार्टी का गठन किया। अन्ना आंदोलन से निकली यह पार्टी अब दिल्ली और देश की सियासत में खास हो चुकी है। पहले चुनाव में सिर्फ 28 सीटें जीतने वाली आप पार्टी की वर्तमान समय में दिल्ली और पंजाब दो राज्यों में सरकार है। पार्टी का चुनाव चिन्ह झाड़ू है। पहली बार 28 दिसंबर 2013 को अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के सीएम पद की कुर्सी संभाली थी। इस दौरान उन्होंने लंबे समय से सीएम रही शीला दीक्षित को हराया था।

हालांकि पूर्ण बहुमत का आंकड़ा न होने के कारण उन्हें कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई। लेकिन फिर 49 दिन बाद उन्होंने साल 2014 में इस्तीफा दे दिया। साल 2015 के चुनाव में आप ने दिल्ली की सियासत में इतिहास लिखने का काम किया और 70 में से 67 सीटों पर जीत हासिल की। इस तरह से 14 फरवरी को वह दोबारा दिल्ली के सीएम बनें। वहीं साल 2020 में पार्टी ने अपना दबदबा जारी रखते हुए जीत हासिल की और इस तरह से केजरीवाल तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बनें।