नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय कलकत्ता उच्च न्यायालय के 2023 के उस फैसले के विरुद्ध दायर अर्जियों पर 20 अगस्त को अपना आदेश सुनाएगा, जिसमें एक यौन हमला मामले में एक आरोपी को बरी कर दिया गया था एवं किशोरियों को ‘यौन इच्छा नियंत्रित करने’ की सलाह वाली ‘आपत्तिजनक’ टिप्पणी की गई थी।
शीर्ष अदालत ने पिछले साल आठ दिसंबर को फैसले की आलोचना की थी और इसे उच्च न्यायालय की ‘बिल्कुल आपत्तिजनक एवं पूर्णत: अवांछित’ टिप्पणी करार दी थी। उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय की कुछ टिप्पणियों का स्वत: संज्ञान लिया था और उसपर रिट याचिका के रूप में सुनवाई शुरू की थी।
शीर्ष अदालत ने कहा था कि फैसला लिखते वक्त न्यायाधीशों से ‘उपदेश’ की उम्मीद नहीं की जाती है। ऐसी संभावना है कि न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइंया की पीठ उच्च न्यायालय के 18 अक्टूबर 2023 के फैसले के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार की अपील तथा अपने स्वत: संज्ञान वाली याचिका पर 20 अगस्त को अपना आदेश सुना सकती है।