आयुर्वेद मे रोगो का पानी से उपचार..

आयुर्वेद मे रोगो का पानी से उपचार..

सोजत, रोगों का उपाय पानी: शास्त्री परिचर्चा के अन्तराल माधव शास्त्री ने बताया कि मानव उपयोग की जानकारी के अभाव में तथा गलत खान पान करने पर असाध्य रोगों से ग्रस्त हो जाता है।

 परिणामत: रुग्ण हो जरामय की शरणागति कर देते हैं। वैदिक आयुर्वेद तथा परम्परागत निर्देशों के पालन कर लेने पर स्वयं तथा परिवार को बचाया जा सकता है ।

जिसमें पेयजल की स्थाई भूमिका रहती है जल भी अनेक प्रकार के होते हैं जैसे वर्षाजल, पोखरजल,कूपजल, मरुस्थलीय जल, नदी जल और खारा जल इन सभी जलों का उपयोग तय तरीकों से किया जाता है तो कुछ रोग स्वयं ही समाप्त हो जाते हैं।

 अथर्ववेद में इन जलों का मिश्रण करते हुए उपयोग करने पर भी निर्देश दिया गया है।

पहले पानी सीधे लोटे और गिलास का उपयोग न करते हुए अपने हाथों के द्वारा पानी पीते थे साथ ही स्वास को रोक कर एक ही स्वास में धीरे-धीरे पर्याप्त मात्रा में उकडू बैठ कर पीना चाहिए।

 ऐसा करने पर पेट का शुद्धिकरण करण किया जाता है अतः अपने जीवन में इस विधि का उपयोग करने पर कुछ रोगों से मुक्ति मिल सकती है।

 आचार्य माधव शास्त्री जी कि कलम से