आज रुप चतुर्दशी है..
फूल फगर से....... रुप चतुर्दशी
कार्तिक मास का धर्म और संस्कृति में बड़ा महत्व रहा है ये दिवस पर्व का निर्माण करते हुए जन मानस में व्याप्त हैं ।
अतः आज चतुर्दशी तिथि है जिसे रुप चौदस के रूप में भी जाना जाता रहा है इस दिन अपने शरीर को सुन्दर और शोभायमान किया जाता है अपने रुप को निखारा जाता है ।
सायं काल के पहले उबटन,पीटी, स्नान और सौंदर्य प्रसाधन सामग्री का उपयोग करते हुए श्रीमहालक्ष्मी के स्वागत हेतु पुलकित हो प्रसन्नता का संचार अपने परिवार,घर, मोहल्ले और गांव या शहर में किया जाता है ।
सायं काल में चतुर्मुखी तैल का एक दिया अपने घर के समक्ष रख कर जल से तीन परिधियां बना कर यम को दान किया जाता है और अनुनय विनय किया जाता है कि मेरे परिवार के सदस्य निरोगी रह कर समाज और देश की सेवा करते रहें तत्पश्चात एक साथ घर में सभी भोजन करें।
सोजत सिटी से आचार्य माधव शास्त्री जी कि कलम से