आइए वृक्षारोपण ज़रुर करें (व्यंग्य)

वृक्षारोपण के दिनों में जब तक वटवृक्ष किस्म का नेता पौधा न रोपे तब तक समारोह में हरियाली नहीं उगती। हरे और पीले पत्तों वाला, लगभग पांच फुट ऊंचा पौधा रोपना छोटी बात नहीं है। इतने लंबे पौधे को मुख्य अतिथि अकेले कहां रोप सकते हैं तभी उनके साथ नेता, अफसर, प्रधान और पार्टी कार्यकर्ता वगैरा भी होते हैं जो मिलकर वृक्ष जैसे लगते पौधे को पकड़ कर लगवा सकें। अखबार में छपी फोटो से तो ऐसा ही लगता है।  इस अवसर पर काफी लोग आए थे। कुछ आम लोग तो लोकप्रिय मुख्यअतिथि के साथ सेल्फी लेने आए थे ताकि जल्दी से जल्दी अपलोड़ कर सकें। सिर्फ बीस मिनट की बारिश सह सकने वाली सड़कें बनाने के लिए प्रसिद्ध, ठेकेदारजी नेता बनकर आज मुख्य अतिथि बनकर आए थे। उन्होंने आम लोगों को राज़ की यह बात बताई कि जलवायु संकट रोकने के लिए पर्यावरण संरक्षण बहुत ज़रूरी है। दूसरे गणमान्य ने अपने भाषण में कहा कि मां प्रकृति ने हमें बहुत कुछ दिया है। उन्होंने पर्यावरण को ही वातावरण बता दिया लेकिन किसी को पता नहीं चला। एक और तेज़ तर्रार वक्ता ने कहा, हमने प्रतिज्ञा लेनी चाहिए कि प्राकृतिक धरोहर और विरासत को सुरक्षित कर भावी पीढी को स्वच्छ पर्यावरण देकर रहेंगे।  प्रतिज्ञा मुश्किल और असंभव थी इसलिए कोई तैयार नहीं हुआ। इसे भी पढ़ें: हलवे जैसा बजट (व्यंग्य)एक और स्थानीय समझदार सामाजिक नेता द्वारा ग्लोबल वार्मिंग और पिघलते गलेशियर बारे उच्च कोटि की असली चिंता प्रकट की गई। पौधा लगाने के बाद उन्होंने युवाओं से कहा कि पर्यावरण और पेड़ पौधों से प्रेम करें। उन्होंने जोर देकर कहा कि पौधे लगाने के बाद उनका संरक्षण बहुत ज़रूरी है। जब कुछ पत्रकार उनकी फोटो खींच रहे थे तो बोले, केवल फोटो खिंचवाने और खबर छपवाने के लिए या सोशल मिडिया पर आने के लिए पौधे न लगाएं। कार्यक्रम के बाद उन्होंने ही अपने पत्रकार मित्र से कहा कि आजकल वृक्षारोपण की ख़बरों की भीड़ है लेकिन उनकी फोटो और खबर ज़रूर लगवा दें। पेंशनर संघ के सचिव ने भी पौधा लगाया और अपने वक्तव्य में सरकार से पुराने फार्मूले के हिसाब से पेंशन दिए जाने की मांग भी रख दी ताकि कवरेज मिल जाए।वन विभाग के अधिकारी ने सूचित किया कि दस लाख पौधों की जिओ टैगिंग की जाएगी ताकि पौधों की निगरानी करते हुए देखभाल की जा सके। एक खास राजनीतिक आवाज़ कह रही थी कि एक एक पौधे की निगरानी की व्यवस्था करेंगे। इत्तफाक की बात, शहर के पड़ोस में उसी दिन एक बड़ी भवन निर्माण कम्पनी की नई आवास योजना का उदघाटन था जिसमें वृक्षारोपण समारोह के उन्हीं पर्यावरण रक्षक मुख्यअतिथि ने उदघाटन करने जाना था। वहां जाकर कहना था, आइए यहां भी वृक्षारोपण ज़रुर करें।- संतोष उत्सुक

आइए वृक्षारोपण ज़रुर करें (व्यंग्य)
वृक्षारोपण के दिनों में जब तक वटवृक्ष किस्म का नेता पौधा न रोपे तब तक समारोह में हरियाली नहीं उगती। हरे और पीले पत्तों वाला, लगभग पांच फुट ऊंचा पौधा रोपना छोटी बात नहीं है। इतने लंबे पौधे को मुख्य अतिथि अकेले कहां रोप सकते हैं तभी उनके साथ नेता, अफसर, प्रधान और पार्टी कार्यकर्ता वगैरा भी होते हैं जो मिलकर वृक्ष जैसे लगते पौधे को पकड़ कर लगवा सकें। अखबार में छपी फोटो से तो ऐसा ही लगता है।  

इस अवसर पर काफी लोग आए थे। कुछ आम लोग तो लोकप्रिय मुख्यअतिथि के साथ सेल्फी लेने आए थे ताकि जल्दी से जल्दी अपलोड़ कर सकें। सिर्फ बीस मिनट की बारिश सह सकने वाली सड़कें बनाने के लिए प्रसिद्ध, ठेकेदारजी नेता बनकर आज मुख्य अतिथि बनकर आए थे। उन्होंने आम लोगों को राज़ की यह बात बताई कि जलवायु संकट रोकने के लिए पर्यावरण संरक्षण बहुत ज़रूरी है। दूसरे गणमान्य ने अपने भाषण में कहा कि मां प्रकृति ने हमें बहुत कुछ दिया है। उन्होंने पर्यावरण को ही वातावरण बता दिया लेकिन किसी को पता नहीं चला। एक और तेज़ तर्रार वक्ता ने कहा, हमने प्रतिज्ञा लेनी चाहिए कि प्राकृतिक धरोहर और विरासत को सुरक्षित कर भावी पीढी को स्वच्छ पर्यावरण देकर रहेंगे।  प्रतिज्ञा मुश्किल और असंभव थी इसलिए कोई तैयार नहीं हुआ। 

इसे भी पढ़ें: हलवे जैसा बजट (व्यंग्य)

एक और स्थानीय समझदार सामाजिक नेता द्वारा ग्लोबल वार्मिंग और पिघलते गलेशियर बारे उच्च कोटि की असली चिंता प्रकट की गई। पौधा लगाने के बाद उन्होंने युवाओं से कहा कि पर्यावरण और पेड़ पौधों से प्रेम करें। उन्होंने जोर देकर कहा कि पौधे लगाने के बाद उनका संरक्षण बहुत ज़रूरी है। जब कुछ पत्रकार उनकी फोटो खींच रहे थे तो बोले, केवल फोटो खिंचवाने और खबर छपवाने के लिए या सोशल मिडिया पर आने के लिए पौधे न लगाएं। कार्यक्रम के बाद उन्होंने ही अपने पत्रकार मित्र से कहा कि आजकल वृक्षारोपण की ख़बरों की भीड़ है लेकिन उनकी फोटो और खबर ज़रूर लगवा दें। पेंशनर संघ के सचिव ने भी पौधा लगाया और अपने वक्तव्य में सरकार से पुराने फार्मूले के हिसाब से पेंशन दिए जाने की मांग भी रख दी ताकि कवरेज मिल जाए।

वन विभाग के अधिकारी ने सूचित किया कि दस लाख पौधों की जिओ टैगिंग की जाएगी ताकि पौधों की निगरानी करते हुए देखभाल की जा सके। एक खास राजनीतिक आवाज़ कह रही थी कि एक एक पौधे की निगरानी की व्यवस्था करेंगे। इत्तफाक की बात, शहर के पड़ोस में उसी दिन एक बड़ी भवन निर्माण कम्पनी की नई आवास योजना का उदघाटन था जिसमें वृक्षारोपण समारोह के उन्हीं पर्यावरण रक्षक मुख्यअतिथि ने उदघाटन करने जाना था। वहां जाकर कहना था, आइए यहां भी वृक्षारोपण ज़रुर करें।

- संतोष उत्सुक