भाईदूज का त्योहार देशभर मे धुमधाम से मनाया जा रहा है..
भाई दूज का पर्व दीपावली के दूसरे दिन मनाया जाता है। यह पर्व भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए मनाया जाता है और इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की कामना से पूजा करती हैं।
भाई दूज को यम द्वितीया भी कहा जाता है क्योंकि यह कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि में होता है। इस त्योहार के पीछे कई धार्मिक कथाएं और मान्यताएं प्रचलित हैं, जो इस पर्व को और भी महत्वपूर्ण बनाती हैं।
दरअसल इस वर्ष दीपावली दो दिन रही। 31 अक्तूबर और 1 नवंबर दोनों ही दिन कार्तिक मास की अमावस्या तिथि है। ऐसे में 2 नवंबर को गोवर्धन पूजा और 3 नवंबर को भाई दूज मनाया जा रहा है।
भाई दूज पर बहनें अपने भाइयों के लिए विशेष पूजा-अर्चना करती हैं और भाइयों की लंबी आयु की कामना करती हैं। अलग-अलग स्थानों पर भाई दूज मनाने का अलग रिवाज है।
फिर बहन भाई के हल्दी-चूने का तिलक लगाती हैं और मुंह मीठा कराती हैं। भाई भी बहन को शगुन देते हैं।
इसे रक्षाबंधन के समान ही माना जाता है, लेकिन यह राखी बांधने के बजाय तिलक करने का त्यौहार है।
पाली से अभिषेक शर्मा कि रिपोर्ट