पवन पहाड़िया को मिलेगा पं. मधुकर गौड़ सार्थक साहित्य सम्मान, 2024 चूरू में आयोजित साहित्यिक समारोह में 17 नवम्बर को दिया जाएगा सम्मान
डेढ़, नागौर। राजस्थानी भाषा मान्यता आंदोलन के हरावल यौद्धा, ऊरमावान कवि, उम्दा आयोजक अर संपादक पवन पहाड़िया ‘डेह’ को उनकी संपूर्ण साहित्यिक साधना के लिए पं. मधुकर गौड़ सार्थक साहित्य संस्थान, मुंबई की ओर से वर्ष 2024 का पं. मधुकर गौड़ सार्थक साहित्य सम्मान से अलंकृत किया जाएगा।
उक्त जानकारी अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के अंतर्राष्ट्रीय संयोजक लक्ष्मणदान कविया ने दी। कविया ने कहा कि पुरस्कार सम्मान समारोह चूरू शहर की प्रतिष्ठित संस्था नगरश्री के भव्य सभागार में 17 नवम्बर, 2024 रविवार को अपराह्न 03.00 बजे होगा।
पं. मधुकर गौड़ सार्थक साहित्य संस्थान मुंबई की संस्थापक श्रीमती पूनमदेवी मधुकर गौड़ ने बताया कि सम्मान समारोह की अध्यक्षता राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के पूर्व अध्यक्ष एवं राजस्थानी प्रगतिशील चेतना के कवि श्याम महर्षि करेंगे।
समारोह के मुख्य अतिथि राजकीय कन्या महाविद्यालय, लाडनूं के प्राचार्य तथा हिंदी एवं राजस्थानी के प्रखर वक्ता, कवि, समालोचक एवं नायाब निबंधकार डॉ. गजादान चारण करेंगे। आयोजन सचिव राजेन्द्र शर्मा मुसाफिर ने बताया कि पवन पहाड़िया ने लगभग दो दर्जन पुस्तकें लिखकर राजस्थानी साहित्य की सराहनीय सेवा की है।
उनका काव्य सृजन मानवीय संवेदनाओं का जीवंत दस्तावेज है। उनकी रचनाओं में ग्रामीण जीवन की हरियल झांकी देखने को मिलती है। उनका बाल साहित्य विषयक लेखन आज की बालक पीढ़ी को संस्कारित करने एवं अपनी जड़ों से जोड़ने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम है।
इस उल्लेखनीय कार्य के लिए वे केंद्रीय साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली से पुरस्कृत हो चुके हैं। मारवाड़ रत्न पवन पहाड़िया को उनके सृजन हेतु अनेक पुरस्कार एवं सम्मान मिल चुके हैं। हमारी संस्था उनका सम्मान करके गौरव का अनुभव करेगी।
पहाड़िया के नाम हुई इस सम्मान की घोषणा से नागौर के साहित्यिक समाज में अत्यंत खुशी की लहर है।
इस सम्मान हेतु श्री सुखदेव सिंह गाडण, चुन्नीलाल सैनी, दुर्गासिंह उदावत, जालेन्द्र सिंह चारण, श्रीराम वैष्णव, डेह सरपंच रणवीरसिंह , पंचायत समिति सदस्य जेठूसिंह , फत्तूराम छाबा, प्रहलादसिंह झोरड़ा, सत्यदेव सांदू, गोविंद सिंह कविया, गोपालचन्द तंवर , सत्यनारायण नेरिया , गोपालसिंह उदावत , विशनसिंह कविया आदि ने पहाड़िया को भाव भीनी बधाइयां दीं।
वरिष्ठ संवाददाता अब्दुल समद राही कि रिपोर्ट