नयी दिल्ली । भारतीय फुटबॉल टीम का मुख्य कोच बनना मनोलो मार्केज के लिए सपना सच होने जैसा है लेकिन रविवार को इस स्पेनिश खिलाड़ी ने कहा कि भविष्य में अगर कोई भारतीय ही राष्ट्रीय टीम को कोचिंग दे तो बेहतर होगा। पिछले महीने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने इगोर स्टिमक की जगह 55 वर्षीय मार्केज को तीन साल के लिए राष्ट्रीय पुरुष टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया था। मार्केज 2024-25 सत्र के दौरान एफसी गोवा के मुख्य कोच के तौर पर अपनी भूमिका जारी रखेंगे। वह क्लब और राष्ट्रीय टीम दोनों की ज़िम्मेदारियां संभालेंगे। इसके बाद वह 2025 से पूरी तरह से भारतीय टीम की कोचिंग की भूमिका संभाल लेंगे।
भारत के मुख्य कोच के रूप में अपनी नियुक्ति के बाद पहली प्रेस कांफ्रेंस में मार्केज ने कहा, ‘‘स्पेन के अलावा मैंने भारत में सबसे ज्यादा साल बिताए हैं। बहुत समय पहले मैंने सोचा था कि मैं राष्ट्रीय टीम का मुख्य कोच बनना चाहूंगा और अब मैं यहां हूं। यह सपना सच होने जैसा है। ’’ मार्केज ने कहा,‘‘भविष्य में राष्ट्रीय टीम का कोच एक भारतीय होना चाहिए क्योंकि उसे (भारतीय) बेहतर तरीके से पता होगा कि देश कैसे काम करता है और वह देश के विभिन्न हिस्सों के लोगों को जानता है। इसलिए आने वाले वर्षों में भारतीय फ़ुटबॉल का लक्ष्य यही होना चाहिए। ’’
वह 2020 से भारत में हैं। उन्होंने हैदराबाद एफसी के साथ तीन सत्र और एफसी गोवा के साथ एक सत्र (2023-24) बिताया है। उनका पहला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट तीन टीमों का इंटर कांटिनेंटल कप होगा जिसकी मेजबानी भारत तीन से नौ सितंबर तक हैदराबाद में करेगा। टूर्नामेंट में सीरिया और मॉरीशस अन्य दो टीमें हैं। इसके बाद वह नौ से 15 अक्टूबर तक वियतनाम में खेली जाने वाली वीएफएफ तीन देशों की सीरीज में टीम का मार्गदर्शन करेंगे। इसमें मेजबान वियतनाम और भारत के अलावा लेबनान शामिल है।