पुणे: संदिग्ध बीमारी से मचा हड़कंप, गिलियन-बैरे सिंड्रोम के 100 से अधिक मामले; 1 की मौत, 17 वेंटिलेटर पर..
पुणे। महाराष्ट्र के पुणे में गिलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) नामक दुर्लभ बीमारी ने स्वास्थ्य विभाग और नागरिकों में हड़कंप मचा दिया है।
इस संदिग्ध बीमारी के अब तक 100 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। इनमें सोलापुर के एक मरीज की मौत हो गई है, जबकि 17 मरीजों की हालत गंभीर बनी हुई है और वे वेंटिलेटर पर हैं।
क्या है गिलियन-बैरे सिंड्रोम.? गिलियन-बैरे सिंड्रोम एक दुर्लभ तंत्रिका तंत्र संबंधी विकार है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली तंत्रिकाओं पर हमला करती है।
इसके कारण मांसपेशियों में कमजोरी, लकवा, और सांस लेने में दिक्कत होती है। यदि समय पर इलाज न हो, तो यह जानलेवा साबित हो सकता है।
संक्रमण का बढ़ता खतरा- पुणे के स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, GBS के मामलों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है।
सोलापुर में इस बीमारी के कारण पहली मौत दर्ज की गई है। पुणे और आसपास के इलाकों के अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ रही है।
17 मरीज वेंटिलेटर पर, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट- GBS के 17 मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा गया है, जिनकी हालत नाजुक है। डॉक्टरों का कहना है कि इन मरीजों को तुरंत चिकित्सा सहायता की जरूरत है।
पुणे के बड़े अस्पतालों में इन मामलों को लेकर विशेष यूनिट तैयार की गई हैं। संक्रमण के कारण और रोकथाम पर जोर- विशेषज्ञों का कहना है कि GBS अक्सर वायरल संक्रमण, बैक्टीरिया, या कुछ टीकों के दुष्प्रभाव के बाद विकसित हो सकता है।
पुणे नगर निगम और राज्य स्वास्थ्य विभाग ने बीमारी की पहचान और रोकथाम के लिए व्यापक कदम उठाने की घोषणा की है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।
किसी भी प्रकार की मांसपेशियों में कमजोरी, सांस लेने में दिक्कत या शरीर के किसी हिस्से में सुन्नता महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी गई है। GBS विशेषज्ञों का कहना है कि इस बीमारी का समय पर इलाज संभव है, लेकिन देरी होने पर यह गंभीर रूप ले सकती है।
पुणे के अस्पतालों में IVIG (इम्यूनोग्लोब्युलिन) और प्लाज्मा थेरेपी का उपयोग किया जा रहा है, जो GBS के इलाज में प्रभावी माने जाते हैं। पुणे और सोलापुर के नागरिक इस बीमारी के बढ़ते प्रकोप को लेकर चिंतित हैं।
अस्पतालों में लंबी कतारें देखी जा रही हैं। प्रशासन ने लोगों को आश्वासन दिया है कि स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
पुणे में गिलियन-बैरे सिंड्रोम के मामले तेजी से बढ़ने के कारण स्थिति गंभीर बनी हुई है। स्वास्थ्य विभाग पूरी कोशिश कर रहा है कि बीमारी पर जल्द से जल्द नियंत्रण पाया जा सके। नागरिकों से अपील है कि वे स्वास्थ्य लक्षणों को नजरअंदाज न करें और सतर्क रहें।
वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा कि रिपोर्ट