कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के खिलाफ राज्यपाल की कार्रवाई उचित है: Pralhad Joshi

हुब्बली (कर्नाटक) । केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) भूखंड आवंटन ‘घोटाला’ मामले के संबंध में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के खिलाफ राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा मुकदमा चलाने की अनुमति का शनिवार को समर्थन करते हुए कहा कि यह उचित है। उन्होंने यहां मीडिया से कहा कि सत्ता के उच्च पदों पर आसीन लोगों को कानून और संविधान का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने इस संबंध में उचित कार्रवाई की है। जोशी ने कहा कि राज्यपाल ने मुख्यमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों में मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है और जांच लोकायुक्त या स्थानीय अधिकारियों द्वारा की जाएगी। जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री को जांच में पूरा सहयोग करना चाहिए। राज्यपाल गहलोत ने एमयूडीए भूमि आवंटन ‘घोटाले’ के संबंध में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की शनिवार को मंजूरी दे दी। आरोप है कि सिद्धरमैया की पत्नी पार्वती को मैसूरु में प्रतिपूरक भूखंड आवंटित किया गया था, जिसका संपत्ति मूल्य उनकी उस भूमि की तुलना में अधिक था, जिसे एमयूडीए ने ‘अधिगृहीत’ किया था। एमयूडीए ने पार्वती को उनकी 3.16 एकड़ भूमि के बदले 50:50 अनुपात योजना के तहत भूखंड आवंटित किए थे। जोशी ने याद किया कि पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने अपने खिलाफ आरोप लगने पर नैतिक आधार पर इस्तीफा दे दिया था। केंद्रीय मंत्री ने सुझाव दिया कि सिद्धरमैया को भी इस्तीफा दे देना चाहिए। जोशी ने एक बयान में सुझाव दिया कि सिद्धरमैया चाहें तो कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं और कहा कि डॉ. बी.आर. आंबेडकर द्वारा तैयार संविधान एक आम नागरिक को भी कानूनी सहायता लेने का अधिकार प्रदान करता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में रहने वालों को अपनी छवि साफ-सुथरी रखनी चाहिए क्योंकि तभी लोगों का लोकतंत्र में विश्वास बढ़ेगा। जोशी ने स्पष्ट किया कि कोई भी केंद्रीय एजेंसी जांच नहीं कर रही है। जोशी ने कहा कि क्योंकि राज्य में सिद्धरमैया की (कांग्रेस) सरकार है, इसलिए उन्हें लोकायुक्त द्वारा जांच का सामना करना चाहिए। जोशी ने सवाल किया, ‘‘मुख्यमंत्री सिद्धरमैया अक्सर दावा करते हैं कि उनका राजनीतिक जीवन एक खुली किताब है। अगर ऐसा है तो वह किसी जांच से क्यों डरते हैं?’’ केंद्रीय मंत्री ने चेतावनी दी कि यदि कांग्रेस मुख्यमंत्री के खिलाफ अभियोजन के लिए राज्यपाल की मंजूरी का राजनीतिकरण करने की कोशिश करती है, तो लोग खुद जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि कोई भी केंद्रीय जांच एजेंसी सिद्धरमैया को गिरफ्तार करने का प्रयास नहीं कर रही है।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के खिलाफ राज्यपाल की कार्रवाई उचित है: Pralhad Joshi
हुब्बली (कर्नाटक) । केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) भूखंड आवंटन ‘घोटाला’ मामले के संबंध में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के खिलाफ राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा मुकदमा चलाने की अनुमति का शनिवार को समर्थन करते हुए कहा कि यह उचित है। उन्होंने यहां मीडिया से कहा कि सत्ता के उच्च पदों पर आसीन लोगों को कानून और संविधान का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने इस संबंध में उचित कार्रवाई की है। जोशी ने कहा कि राज्यपाल ने मुख्यमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों में मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है और जांच लोकायुक्त या स्थानीय अधिकारियों द्वारा की जाएगी। 

जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री को जांच में पूरा सहयोग करना चाहिए। राज्यपाल गहलोत ने एमयूडीए भूमि आवंटन ‘घोटाले’ के संबंध में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की शनिवार को मंजूरी दे दी। आरोप है कि सिद्धरमैया की पत्नी पार्वती को मैसूरु में प्रतिपूरक भूखंड आवंटित किया गया था, जिसका संपत्ति मूल्य उनकी उस भूमि की तुलना में अधिक था, जिसे एमयूडीए ने ‘अधिगृहीत’ किया था। एमयूडीए ने पार्वती को उनकी 3.16 एकड़ भूमि के बदले 50:50 अनुपात योजना के तहत भूखंड आवंटित किए थे। जोशी ने याद किया कि पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने अपने खिलाफ आरोप लगने पर नैतिक आधार पर इस्तीफा दे दिया था। 

केंद्रीय मंत्री ने सुझाव दिया कि सिद्धरमैया को भी इस्तीफा दे देना चाहिए। जोशी ने एक बयान में सुझाव दिया कि सिद्धरमैया चाहें तो कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं और कहा कि डॉ. बी.आर. आंबेडकर द्वारा तैयार संविधान एक आम नागरिक को भी कानूनी सहायता लेने का अधिकार प्रदान करता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में रहने वालों को अपनी छवि साफ-सुथरी रखनी चाहिए क्योंकि तभी लोगों का लोकतंत्र में विश्वास बढ़ेगा। 

जोशी ने स्पष्ट किया कि कोई भी केंद्रीय एजेंसी जांच नहीं कर रही है। जोशी ने कहा कि क्योंकि राज्य में सिद्धरमैया की (कांग्रेस) सरकार है, इसलिए उन्हें लोकायुक्त द्वारा जांच का सामना करना चाहिए। जोशी ने सवाल किया, ‘‘मुख्यमंत्री सिद्धरमैया अक्सर दावा करते हैं कि उनका राजनीतिक जीवन एक खुली किताब है। अगर ऐसा है तो वह किसी जांच से क्यों डरते हैं?’’ केंद्रीय मंत्री ने चेतावनी दी कि यदि कांग्रेस मुख्यमंत्री के खिलाफ अभियोजन के लिए राज्यपाल की मंजूरी का राजनीतिकरण करने की कोशिश करती है, तो लोग खुद जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि कोई भी केंद्रीय जांच एजेंसी सिद्धरमैया को गिरफ्तार करने का प्रयास नहीं कर रही है।