हम में से बहुत सारे लोगों के घर के मंदिर में श्रीराधा रानी और भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा जरूर होगी। लोग विधि-विधान से भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की पूजा करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि देवी राधा को भगवान श्रीकृष्ण के किस ओर बैठाना यानी की स्थापित करना चाहिए।
अगर आपका जवाब न है, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। क्योंकि आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि श्रीकृष्ण के किस ओर राधा ऱानी को स्थापित करना चाहिए और इसके पीछे का क्या कारण है।
श्रीकृष्ण के किस ओर राधा रानी को बैठाएं
बता दें कि देवी राधा श्रीकृष्ण की आराध्य शक्ति हैं। इसलिए बिना राधा रानी के श्रीकृष्ण की मूर्ति को घर में स्थापित नहीं करना चाहिए। क्योंकि जहां पर श्रीराधा नहीं होती हैं, वहां पर भगवान कृष्ण भी वास नहीं करते हैं। हालांकि अगर आप अपने घर में देवी राधा को घर में स्थापित करने जा रहे हैं, तो उनकी दिशा और स्थान का भी ध्यान रखें।
देवी राधा श्री कृष्ण की प्रेमिका हैं और उनका श्रीकृष्ण से विवाह भी हुआ था। बताया जाता है कि ब्रह्म देव ने गुप्त रूप से राधा रानी और श्रीकृष्ण का विवाह कराया था। इसलिए श्रीराधा को भगवान कृष्ण के उल्टे हाथ की ओर स्थापित करना चाहिए। क्योंकि उल्टा भाग वामांगी यानी की पत्नी का होता है।
वहीं बहुत सारे लोग यह नहीं मानते हैं कि भगवान कृष्ण और राधा रानी का ब्रह्म विवाह हुआ था। जिसके कारण वह लोग श्रीकृष्ण के सीधे हाथ की ओर राधा रानी को विराजित करते हैं। धार्मिक शास्त्रों में श्रीराधा को श्रीकृष्ण के बांई ओर स्थापित करने का वर्णन मिलता है। राधा रानी को श्रीकृष्ण के दाईं ओर स्थापित करना शुभ नहीं माना जाता है।
मान्यताओं के अनुसार, श्री कृष्ण के सीधे ओर राधा रानी को स्थापित करने से दांपत्य जीवन के कष्ट दूर होते हैं। वहीं अगर आप मनवांछित जीवनसाथी चाहते हैं, तो आने वाली बाधाएं दूर हो जाती हैं।