सहकारी विभाग में 1 करोड़ के घोटाले का मामला, उप रजिस्ट्रार निलंबित..
जैसलमेर जिले के नाचना सहकारी विभाग में हुए 1 करोड़ रुपये के घोटाले का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में उप रजिस्ट्रार मोहम्मद रफीक को निलंबित कर उनके मुख्यालय को जयपुर स्थानांतरित कर दिया गया है।
हालांकि, इस घोटाले से जुड़े अन्य दोषियों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे किसानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
ठेकेदार पर कार्रवाई का अभाव- घोटाले में शामिल ठेकेदार चने और सरसों के बैग लेकर फरार हो गया था, लेकिन उस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। ठेकेदार की लापरवाही और धोखाधड़ी के चलते किसानों की फसल का भुगतान भी अटका हुआ है।
करीब डेढ़ साल बीतने के बावजूद किसानों को उनका हक नहीं मिल सका है।
वेयरहाउस में जमा नहीं हुई फसल, किसानों का भुगतान रुका- इस घोटाले के चलते किसानों की फसल वेयरहाउस में जमा नहीं हो सकी, जिससे उनका भुगतान रुका हुआ है।
किसानों की मेहनत की फसल का न तो उचित मूल्य मिला और न ही उन्हें उनकी आर्थिक समस्याओं से राहत।
समिति व्यवस्थापक की संपत्ति कुर्क- इससे पहले, मामले की जांच के दौरान समिति के व्यवस्थापक अत्ता मोहम्मद की संपत्ति को कुर्क करने के आदेश दिए गए थे।
लेकिन किसानों को अभी तक इसका कोई लाभ नहीं मिला है। धारा 57 के तहत जांच और रिकवरी की तैयारी- सहकारी विभाग ने अब धारा 57 के तहत जांच तेज कर दी है और घोटाले से जुड़ी रकम की रिकवरी की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी में जुट गया है।
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और किसानों को उनका भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा।
किसानों का आक्रोश और सरकार से उम्मीदें- किसानों का कहना है कि वे लंबे समय से अपने हक के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्हें न्याय नहीं मिला है। सरकार और सहकारी विभाग से उनकी उम्मीदें जुड़ी हुई हैं।
नाचना सहकारी विभाग में हुआ यह घोटाला किसानों के जीवन पर गहरा प्रभाव डाल रहा है। उप रजिस्ट्रार का निलंबन भले ही एक कदम हो, लेकिन ठेकेदार और अन्य दोषियों पर कार्रवाई का अभाव सरकार और विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है। किसानों को उनका हक दिलाने के लिए त्वरित और सख्त कार्रवाई जरूरी है।
वरिष्ठ संवाददाता ओमप्रकाश बोराणा कि रिपोर्ट