परंपरागत लोक कला गायन वादन हमारी समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा का परिचायक हैं- दलपत सिंह साखला
सोजत..परंपरागत लोक कला गायन वादन हमारी समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा का परिचायक हैं इसे पोषण प्रदान करके हम सांस्कृतिक परिवेश को जीवंत बनाएं रख सकते हैं।
उपरोक्त उद्गार स्थानीय सीबीईओ कार्यालय में एक आयोजन में बोलते हुए सीबीईओ दलपतसिंह सांखला ने व्यक्त किए इस मौके एसीबीईईओ प्रथम जयदेव शर्मा ने कहा कि हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत विभिन्न रस रंगों से सराबोर है।
जो निरंतर एवं सनातन है वहीं एसीबीईईओ दिवीतीय मोहम्मद रफीक ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है जरुरत सिर्फ उन्हें ढूंढकर तराशने की हैं ।
इस अवसर पर सरदार सिंह लखावत,खेल प्रभारी अजीत सिंह, चेतन व्यास, मानाराम राठौड़, ऋतुराज सिंह,विजय कुमार, नरपत राज सहित कार्मिक उपस्थित थे।
इस दौरान प्रदेश में लोक गायन में प्रथम स्थान प्राप्त करने के साथ साथ भारत मंडपम दिल्ली में अपनी शानदार प्रस्तुति देने वाली टीम के रणवीर राठौड़, महेश चौहान,शिवम राठौड़,पारस सिसोदिया, राहुल आर्य, देवेंद्र चौहान,का बहुमान किया गया।
चल है कि इस दल को प्रदेश युवा महोत्सव में लोक गायकी में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर तीन लाख की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
वरिष्ठ पत्रकार चेतन जी व्यास कि रिपोर्ट