Pakistan-Occupied Gilgit Baltistan में सरकार के विरोध में सड़कों पर उतर रहे हैं लोग, ईंट से ईंट बजा देने की चेतावनी दी जा रही है

पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित बाल्टिस्तान में स्थित हेंजेल में हाइड्रोपावर परियोजना का खुल कर भारी विरोध किया जा रहा है। दरअसल हेंजेल में लग रही इस परियोजना में स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं दिया जा रहा है जिससे लोग नाराज हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि 20 मेगावाट की हेंज़ेल हाइड्रोपावर परियोजना यहां लाये जाते समय सरकार ने काफी वादे किये थे लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया गया। लोगों ने कहा कि स्थानीय लोगों की बजाय बाहरी लोगों की भर्ती की जा रही है जबकि यहां के युवक भी पढ़े-लिखे और काबिल हैं।लोगों का कहना है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो हम जमकर विरोध करेंगे। लोगों का कहना है कि जब भी हम अपनी शिकायत उठाने के लिए अधिकारियों तक पहुंचने की कोशिश करते हैं, तो हमें सिर्फ झूठे वादे और आश्वासन दिए जाते हैं और कोई नतीजा नहीं निकलता है। उन्होंने कहा कि अगर बिजली उत्पादन परियोजना का प्रोजेक्ट और टेंडर दोनों स्वीकृत हैं और एडवांस भी ले लिया गया है, तो काम अभी तक शुरू क्यों नहीं हुआ? लोगों ने कहा कि अब वे 40 मेगावाट का प्रोजेक्ट बनाना चाहते हैं वह भी 20 मेगावाट की पहले से स्वीकृत परियोजना को पूरा किए बिना।इसे भी पढ़ें: Bangladesh के हाल से अभी खुशी से झूम ही रहा था पाकिस्तान, तभी तालिबान ने कर दिया बहुत बड़ा हमलास्थानीय लोगों ने कहा कि यहां के लोगों को नौकरी देने के लिए सरकार के साथ एक समझौता हुआ था मगर अभी तक कुछ नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि समझौते में साफ लिखा है कि हमारे लोगों को नौकरी मिलेगी। लोगों ने कहा कि परियोजना के शुरुआती दिनों में, केवल दो से तीन स्थानीय लोगों को नौकरी दी गई थी, लेकिन उसके बाद ऐसी कोई नौकरी नहीं दी गई और हमें अंधेरे में रखा गया है। लोगों ने कहा कि यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं लेकिन इसके लिए बिजली सबसे जरूरी चीज है। उन्होंने कहा कि पिछले 20 से 25 दिनों में केवल 5 से 6 घंटे बिजली आई है।

Pakistan-Occupied Gilgit Baltistan में सरकार के विरोध में सड़कों पर उतर रहे हैं लोग, ईंट से ईंट बजा देने की चेतावनी दी जा रही है
पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित बाल्टिस्तान में स्थित हेंजेल में हाइड्रोपावर परियोजना का खुल कर भारी विरोध किया जा रहा है। दरअसल हेंजेल में लग रही इस परियोजना में स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं दिया जा रहा है जिससे लोग नाराज हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि 20 मेगावाट की हेंज़ेल हाइड्रोपावर परियोजना यहां लाये जाते समय सरकार ने काफी वादे किये थे लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया गया। लोगों ने कहा कि स्थानीय लोगों की बजाय बाहरी लोगों की भर्ती की जा रही है जबकि यहां के युवक भी पढ़े-लिखे और काबिल हैं।

लोगों का कहना है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो हम जमकर विरोध करेंगे। लोगों का कहना है कि जब भी हम अपनी शिकायत उठाने के लिए अधिकारियों तक पहुंचने की कोशिश करते हैं, तो हमें सिर्फ झूठे वादे और आश्वासन दिए जाते हैं और कोई नतीजा नहीं निकलता है। उन्होंने कहा कि अगर बिजली उत्पादन परियोजना का प्रोजेक्ट और टेंडर दोनों स्वीकृत हैं और एडवांस भी ले लिया गया है, तो काम अभी तक शुरू क्यों नहीं हुआ? लोगों ने कहा कि अब वे 40 मेगावाट का प्रोजेक्ट बनाना चाहते हैं वह भी 20 मेगावाट की पहले से स्वीकृत परियोजना को पूरा किए बिना।

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स्थानीय लोगों ने कहा कि यहां के लोगों को नौकरी देने के लिए सरकार के साथ एक समझौता हुआ था मगर अभी तक कुछ नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि समझौते में साफ लिखा है कि हमारे लोगों को नौकरी मिलेगी। लोगों ने कहा कि परियोजना के शुरुआती दिनों में, केवल दो से तीन स्थानीय लोगों को नौकरी दी गई थी, लेकिन उसके बाद ऐसी कोई नौकरी नहीं दी गई और हमें अंधेरे में रखा गया है। लोगों ने कहा कि यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं लेकिन इसके लिए बिजली सबसे जरूरी चीज है। उन्होंने कहा कि पिछले 20 से 25 दिनों में केवल 5 से 6 घंटे बिजली आई है।