ख्वाजा गरीब नवाज का 813वां उर्स: 2 या 3 जनवरी से होगी शुरुआत, पीएम मोदी की चादर 4 जनवरी को पेश होगी..
अजमेर। ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती रह.अ., जिन्हें दुनिया ख्वाजा गरीब नवाज के नाम से जानती है, के 813वें उर्स की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं।
यह उर्स चांद दिखने के आधार पर 2 या 3 जनवरी से शुरू होगा। लाखों जायरीन इस पवित्र आयोजन में शामिल होने अजमेर शरीफ पहुंचेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी की ओर से चादर पेश की जाएगी- उर्स के मुख्य आकर्षणों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से भेजी गई चादर होगी, जिसे केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री किरेन रिजिजू पेश करेंगे।
यह चादर 4 जनवरी को दोपहर 12 बजे दरगाह में पेश की जाएगी। चादर पेश किए जाने के बाद पीएम मोदी का संदेश भी पढ़कर सुनाया जाएगा। प्रधानमंत्री हर साल इस आयोजन में अपनी चादर भेजते हैं, जो देश में साम्प्रदायिक सौहार्द और एकता का प्रतीक मानी जाती है।
उर्स के अन्य प्रमुख आयोजन:- उर्स के दौरान कव्वालियां और महफिल-ए-समां का आयोजन होगा, जिसमें देश-विदेश के मशहूर कव्वाल अपनी प्रस्तुतियां देंगे।
गागर और चादर जुलूस निकाले जाएंगे, जिनमें हजारों की संख्या में जायरीन भाग लेंगे। दरगाह शरीफ के गद्दीनशीन और खादिम ख्वाजा गरीब नवाज के संदेशों को साझा करेंगे।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम- उर्स के दौरान लाखों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने विशेष सुरक्षा इंतजाम किए हैं। दरगाह क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और पुलिस बल तैनात किया गया है।
इसके अलावा, रेलवे और बस स्टैंड पर भी विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं ताकि जायरीन को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
धार्मिक और सामाजिक सौहार्द का प्रतीक- ख्वाजा गरीब नवाज का उर्स केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह देश की गंगा-जमुनी तहज़ीब और सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक है।
हर धर्म और समुदाय के लोग इसमें शामिल होकर ख्वाजा साहब से दुआएं मांगते हैं। 813वें उर्स की शुरुआत के साथ ही अजमेर एक बार फिर विश्वभर के श्रद्धालुओं का केंद्र बनेगा। यह आयोजन न केवल ख्वाजा गरीब नवाज की शिक्षाओं और संदेशों को फैलाने का माध्यम बनेगा, बल्कि मानवता और एकता का संदेश भी देगा।
वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा कि रिपोर्ट