7 Shaligram Puja Niyam
7 Shaligram Puja Niyam – हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, शालीग्राम भगवान विष्णु जी का एक रूप है। जिनकी पूजा आमतौर पर घरों में की जाती है। घर में शालीग्राम रखने के कई नियम और विधान हैं। शालीग्राम भगवान की पूजा विशेष रूप से तुलसी विवाह के दिन की जाती है। इस दिन तुलसी और शालीग्राम का विवाह कराया जाता है।
मान्यता है कि जिस घर में नियमित शालीग्राम की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है, उस घर में रोग, शोक, दुख, कष्ट इत्यादि नहीं रहते हैं। मान्यता यह भी है कि जब शालीग्राम की पूजा में निमयों का पालन नहीं किया जाता है तो कई तरह की समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं कि शालीग्राम की पूजा से जुड़े खास नियम –
शालीग्राम की पूजा में इन बातों का रखें ध्यान
1 मान्यता है कि घर में एक से अधिक शालीग्राम नहीं होना चाहिए , यदि हो तो किसी एक को घर में रखकर बाकी की विधिवत पूजा-अर्चना करने के बाद प्रवाहित कर देना चाहिए।
2 धार्मिक मान्यता के अनुसार, यदि घर में शालीग्राम होता है, वहां सात्विक जीवनशैली का पालन करना चाहिए।
3 मान्यता के अनुसार शालीग्राम को गिफ्ट के तौर पर लेना अशुभ माना जाता है।
4 धर्म शास्त्र के अनुसार अगर घर में शालीग्राम है तो मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। जुआ इत्यादि कार्यों के दूरी बना लेनी चाहिए। साथ ही घर में सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए।
5 घर में रखे हुए शालीग्राम की नियमित पूजा करनी चाहिए। अगर किन्हीं कारणों से नियमित रूप से शालीग्राम की पूजा नहीं कर सकते हैं, तो भगवान विष्णु को क्षमा मांगते हुए उसे जल में प्रवाहित कर देना चाहिए।
6 शालीग्राम को तुसली के पौधे के पास ही रखने से मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। इसके अलावा शालीग्राम को रोजाना पंचामृत से स्नान कराना चाहिए। माना जाता है कि इससे घर में सुख और समृद्धि आती है।
7 शालीग्राम की पूजा करते समय चंदन का इस्तेमाल करने से पूजा का शुभ फल प्राप्त होता है। साथ ही मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
Disclaimer :- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। NEWS28 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
7 Shaligram Puja Niyam