ABG Shipyard Scam
(ABG Shipyard Scam)देश के इतिहास में सबसे बड़ा बैंकिंग फ्रॉड सामने आया है। एबीजी शिपयार्ड कंपनी(ABG Shipyard Scam) ने लगभग 23 हजार करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी की, जो विजय माल्या और नीरव मोदी दोनों द्वारा की गई कुल धोखाधड़ी के बराबर है।यानी विजय माल्या 9 हजार करोड़ और नीरव मोदी 14 हजार करोड़ , दोनों के बराबर किया इस कंपनी ने Fraud। आइए जानते हैं अब तक के सबसे बड़े बैंक फ्रॉड के बारे में -
कब हुई FIR दर्ज
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने इसकी शिकायत CBI से करते हुए 7 फरवरी FIR दर्ज करवाई से की थी।
देश की सबसे बड़ी बैंक धोखाधड़ी
(ABG Shipyard Scam)पिछले 16 वर्षों में, एबीजीएसएल ने भारत और विदेशों में अग्रणी कंपनियों के लिए 165 से अधिक जहाजों का निर्माण किया है, जिसमें न्यूजप्रिंट कैरियर्स, सेल्फ-डिस्चार्जिंग और लोडिंग बल्क सीमेंट कैरियर्स, फ्लोटिंग क्रेन्स, इंटरसेप्टर बोट, डायनेमिक पोजिशनिंग डाइविंग सपोर्ट वेसल, पुशर जैसे विशेष जहाज शामिल हैं।रिपोर्ट के मुताबिक, एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड ने देश की अलग-अलग 28 बैंकों से कारोबार के नाम पर 2012से 2017 के बीच कुल 28,842 करोड़ रुपये का ऋण लिया था।
इन लोगों पर किया मामला दर्ज
इस मामले में सीबीआई ने एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड (ABG Shipyard Scam)के चेयरमैन ऋषि कमलेश अग्रवाल, प्रबंध निदेशक संतन मुथास्वामी और तीन निदेशकों अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल और रवि विमान नेवेटिया को आरोपित किया है।
पैसों का यहां किया गया इस्तेमाल
(ABG Shipyard Scam)एक रिपोर्ट के अनुसार, बैंको ने आरोप लगाया है की प्राप्त हुए पैसे को विदेश में भेजकर अरबों रुपये की प्रॉपर्टी खरीदी गईं। अप्रैल 2012 से जुलाई 2017 तक अर्न्स्ट एंड यंग एलपी की फोरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट के 18 जनवरी, 2019 को दायर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि निगम ने बैंक ऋण चुराए और अवैध संचालन के माध्यम से धन को डायवर्ट किया। सूत्रों के मुताबिक कंपनी के पूर्व एमडी ऋषि कमलेश अग्रवाल पहले ही देश छोड़कर भाग चुके हैं और अब सिंगापुर में रह रहे हैं। आपको याद दिला दें कि जुलाई 2016 में इस बड़े पैमाने पर बैंक ऋण राशि को गैर-निष्पादित करार दिया गया था।
पहली बार साल 2019 में शिकायत
देश की सबसे बड़ी इस बैंक धोखाधड़ी की पहली बार शिकायत साल 2019 में दर्ज कराई गई थी। रिपोर्ट के अनुसार, 8 नवंबर 2019 को 28 बैंकों के प्रतिनिधियों ने सीबीआई में पहली बार इस बड़े घोटाले को लेकर एबीजी शिपयार्ड(ABG Shipyard Scam) के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। 2020 में सीबीआई ने इस शिकायत के संबंध में कुछ स्प्ष्टता मांगी, जिसके बाद अगस्त 2020 में बैकों ने दोबारा संशोधित शिकायत सीबीआई को भेजी। डेढ़ साल मामले की जांच करने के बाद आखिरकार सीबीआई ने बीती 7 फरवरी 2022 को एफआईआर दर्ज की। इस मामले में सूरत, मुंबई और पुणे समेत कंपनी के 13 ठिकानों पर छापो की कार्रवाई की गयी ।
प्रमुख बैंकों का कंपनी पर बकाया ?
बैंक का नाम | बकाया |
आईसीआईसीआई | 7,089 करोड़ रुपये |
आईडीबीआई | 3,634 करोड़ रुपये |
स्टेट बैंक आफ इंडिया | 2,468.51 करोड़ रुपये |
बैंक ऑफ बड़ौदा | 1,614 करोड़ रुपये |
पीएनबी | 1244 करोड़ रुपये |
आईओबी | 1,228 करोड़ रुपये |
कंपनी का क्या है कारोबार ?
(ABG Shipyard Scam)एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड की शुरुआत साल 1985 में हुई थी। यह शिपयार्ड कंपनी पानी के जहाज बनाने और उनकी मरम्मत का काम करती है। अब तक यह कंपनी 165 जहाज बना चुकी है। इस कंपनी ने 1991 तक तगड़ा मुनाफा कमाते हुए देश-विदेश से बड़े ऑर्डर हासिल किए। रिपोर्ट के मुताबिक, 2016 में कंपनी को 55 करोड़ डॉलर से ज्यादा का भारी नुकसान हुआ जिसकी वजह इसकी हालत ख़राब हो गयी। अपनी वित्तीय हालत को सुधारने के लिए कंपनी ने बैंकों से कर्ज लिया और इस सबसे बड़े घोटाले को अंजाम दिया। एसबीआई ने यह भी बताया कि आखिर क्यों बैंकों के संघ की तरफ से उसने की मामले में केस दर्ज करवाया। पहले ICICI और IDBI बैंक ने इस कम्पनी को लोन दिया फिर धीरे -धीरे SBI बैंक इस कम्पनी का सबसे बड़ा ऋणदाता बन गया , इसलिए यह तय हुआ कि CBI के पास शिकायत दर्ज SBI बैंक कराएगा।
क्या है स्टेट बैंक का बयान ?
(ABG Shipyard Scam)स्टेट बैंक ने इस मामले में कहा कि आईसीआईसीआई बैंक के नेतृत्व में 2 दर्जन से अधिक उधारदाताओं ने पैसे दिए थे। कंपनी के खराब प्रदर्शन के कारण खाता गैर निष्पादित संपत्ति (एनपीए) में तब्दील हो गया था। कंपनी के संचालन को पुनर्जीवित करने के कई प्रयास असफल रहे। एसबीआई ने बताया कि मार्च 2014 में सभी उधारदाताओं द्वारा कंपनी ऋण पुनर्गठन (सीडीआर) के तहत खाते की पुनर्रचना की गई थी। शिपिंग उद्योग मंदी के दौर से गुजर रहा था, इसलिए कंपनी का संचालन पुनर्जीवित नहीं हो सका। पुनर्गठन विफल होने के कारण खाते को नवंबर 2013 से जुलाई 2016 में एनपीए के रूप में वर्गीकृत किया गया था। अप्रैल 2018 में उधारदाताओं द्वारा अर्न्स्ट एंड यंग (E&Y) को फॉरेंसिक ऑडिटर के रूप में नियुक्त किया गया था। धोखाधड़ी मुख्य रूप से धन के विचलन, दुरुपयोग और आपराधिक विश्वासघात की रही।
विपक्ष के हाथ लगा बड़ा मुद्दा
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एबीजी शिपयार्ड कंपनी कांड(ABG Shipyard Scam) को लेकर भाजपा प्रशासन पर निशाना साधा है, जिसमें कुल 22 हजार करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला हुआ था। सुरजेवाला के मुताबिक सरकार जनता के धन को लूटकर फिर भागने की नीति पर चल रही है। इससे आए दिन घोटाले हो रहे हैं और आरोपी देश छोड़कर भाग रहे हैं। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट कर पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा, मोदी काल में अबतक 5,35000 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड हो चुके हैं। 75 सालों में जनता के पैसे की ऐसी धांधली कभी नहीं हुई। लूट और धोखे के ये दिन सिर्फ मोदी के मित्रों के लिए अच्छे दिन हैं।
भाजपा ने ऐसे किया पलटवार
कांग्रेसी रणदीप सुरजेवाला ने कहा, "एबीजी शिपयार्ड और उसके प्रमोटरों द्वारा भारत की सबसे बड़ी बैंक धोखाधड़ी (ABG Shipyard Scam)स्पष्ट रूप से मोदी सरकार के शीर्ष पर सत्ता में बैठे लोगों की मिलीभगत, लिंक और मिलीभगत को दर्शाती है।" सुरजेवाला ने सवाल किया कि दिवाला प्रक्रिया शुरू होने के बाद मोदी सरकार को प्राथमिकी दर्ज करने में 5 साल क्यों लगे ? कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए पार्टी प्रवक्ता सैयद जफर इस्लाम ने कहा कि एबीजी शिपयार्ड को लोन यूपीए सरकार में दिया गया था जबकि मोदी सरकार ने इस चोरी को पकड़ा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का सरकार पर हमला ऐसा ही है जैसे चोर, पुलिस को अपराध का जिम्मेदार ठहरा रहा हो। सारा पैसा 2014 में मोदी सरकार के आने से पहले ये पैसे दिए गए और एनपीए भी मोदी सरकार बनने से पहले ही हो गए थे।
ABG Shipyard Scam