गिग अर्थव्यवस्था क्या है? यह कैसे काम करता है? (What is a gig economy? How does it work?)-:
gig economy जिसमें स्थायी कर्मचारियों के बजाय फ्रीलांसर (किसी एक संगठन या संस्था से संबंद्ध न रहकर विभिन्न संस्थाओं या व्यक्तियों को शुल्क पर सेवा प्रदान करने वाला कलाकर्मी, लेखक या पत्रकार आदि ) , गैर अस्थाई कर्मचारियों को भी नियुक्त किया जाता है
गिग इकोनामी के अंतर्गत अलग अलग संगठन अपनी छोटी से लेकर बड़ी जरूरतों को फ्रीलांस के तौर पर लोगों को काम देते हैं और साथ ही साथ बेरोजगार लोग भी फ्रीलांसर के तहत अच्छी आमदनी कर सकते हैं यह एक नई वैश्विक अर्थव्यवस्था तेजी से उभरकर सामने आ रही है, जिसको नाम दिया जा रहा है ‘गिग इकॉनामी’ । गिग का अर्थ है प्रत्येक असाइनमेंट के लिए पहले से निर्धारित भुगतान राशि। इस गिग इकोनॉमी में आप प्रति असाइनमेंट के आधार पर कमाई कर सकते है
भारत में गिग अर्थव्यवस्था का भविष्य क्या है? (What’s the future of the gig economy in India?) -:
आज का दौर और आने वाला दौर इंटरनेट का ही है और हमारा आज का जीवन भी काफी हद तक इंटरनेट पर ही आधारित है गिग इकोनामी में कोई नई अवधारणा नहीं है बल्कि यह प्रौद्योगिकी के साथ तेजी से अपनाया जा रहा है कुछ साल पहले जब रोजगार की बात सरकार द्वारा की जा रही थी तब अस्थाई तौर पर नियुक्त किए जाने वाले रोजगार यानी कि गिग इकोनामी की बात कही थी
गिग अर्थव्यवस्था के अंतर्गत कुछ समय के लिए नियुक्त किए जाने वाले कर्मचारियों की व्यवस्था से गैर कृषि क्षेत्रों में लगभग 9 से 10 करोड़ तक रोजगार में वृद्धि की संभावनाएं हैं साथ ही इससे दीर्घकाल में GDP में 1.25 वृद्धि हो सकती हैं भारत में स्टार्टअप्स और टेक्नोलॉजी आधारित फर्म्स के कारण गिग इकोनामी जोर पकड़ रही है। इनके जरिए बड़ी तादाद में शहरी युवाओं को रोजगार प्राप्त हुआ है। ये लोग उबर, ओला, स्विगी, जोमैटो, फ्लिपकार्ड, अमेजन, शॉपक्लूज, इबे और अलीबाबा जैसी ई-कॉमर्स वेबसाइट्स आदि जैसी कंपनियों में नौकरियाँ कर रहे हैं। देश में 10 मिलियन से भी ज्यादा लोग फ्रीलांस के तौर पर काम कर रहे हैं।
Gig Economy में किस प्रकार की नौकरियां शामिल हैं? (What type of jobs are included in gig economy?)
भारत में नए रोजगारों जिनमें ब्लू-कॉलर और वाइट-कॉलर दोनों तरह की जॉब्स शामिल हैं, इसका 50 फ़ीसदी से भी ज्यादा हिस्सा गिग इकोनामी द्वारा सृजित हो रहा है। गिग इकोनॉमी आधारित नौकरियों की बात करें तो इस समय सबसे ज्यादा भुगतान करने वाली गिग नौकरियों में ब्लाकचेन, एथिकल हैकिंग, एडब्ल्यूएस, डाटा एनालिटिक्स व रोबोटिक्स आदि शामिल हैं, जहां प्रति घंटे की दर से 80-120 डालर तक मिलते हैं। हालांकि भारत में लेखन, अनुवाद, रचनात्मक कार्य, बिक्री, डिजिटल डिस्ट्रीब्यूशन, ब्रांडिंग, भर्ती, वास्तुकला, लेखा, कंसलटिंग सर्विसेज, डाटा एनालिसिस के विकल्प ज्यादा प्रचलित हैं।दरअसल, अमेरिका, जर्मनी, यूरोप में गिग अर्थव्यवस्था बहुत तेजी से बढ़ रही है।
एक अनुमान के मुताबिक, भारत में भी लगभग एक तिहाई श्रमिक स्वतंत्र उद्यमी बनने की दिशा में स्थानांतरित हो रहे हैं। गिग इकोनॉमी प्रोफेशन भारत और दुनिया भर में मुख्यधारा के पेशे, करियर या व्यापार के रूप में लोकप्रियता प्राप्त कर रहा है। इस बीच, बेंगलूरु की गिग इकॉनमी में शामिल होने वाले प्रवासी श्रमिकों की संख्या पिछले छह महीनों में 29% की मामूली बढ़त के साथ 194,400 से 252,300 हो गई है।
गिग अर्थव्यवस्था से गिग वर्कर्स के क्या फायदे हैं? (What are the benefits of gig economy workers?)
सरकार गिग इकॉनमी में काम करनेवाले कर्मचारियों को कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ISIC) के अस्पतालों व डिस्पेंसरी में सब्सिडी वाली दरों पर सस्ती चिकित्सा सेवा मुहैया कराने पर विचार कर रही है। इससे Gig Economy से जुड़ी कंपनियों को राहत मिल सकती है क्योंकि उन्हें अपने कर्मचारियों के सामाजिक सुरक्षा की लागत को वहन नहीं करना होगा।
Gig Economy में एक कारोबार को चलाने के लिए स्थायी कर्मचारियों को मासिक वेतन दिया जाता है जबकि वहीं अस्थाई कर्मचारियों को किसी विशेष task या project को पूरा करने के लिए नियुक्त किया जाता है। ऐसे कर्मचारी जिन्हें किसी प्रोजेक्ट विशेष को पूरा करने के लिए नियुक्त किया जाता है उन्हें Gig workers कहते हैं Gig economy वर्तमान में भारत में लगभग 10 मिलियन कर्मचारी फ्रीलांसर के रूप में काम कर रहे हैं फ्रीलांसर अनेक वेबसाइटो Mobile development, Web designing, Internet institution और Data entry पर काम करते हैं
गिग इकोनामी में डिजिटल संचार में तेजी से हो रही वृद्धि सबसे ज्यादा है जिसमें जॉब्स के साथ-साथ काम को अत्यधिक फ्लैक्सिबल और बिना किसी भौगोलिक बाधाओं के इसके अंतर्गत कहीं पर भी काम किया जा सकता है। भारतीय अर्थव्यवस्था में रोजगार के अलावा कृषि से उपजी बेरोजगारी की समस्या का सामना कर रहे ग्रामीण युवाओं को लाभकारी रोजगार प्रदान करने में सक्षम होगी।
वर्तमान में काम कर रहे लोगों की लगभग 50% से अधिक जनसंख्या जनसांख्यिकी विभाजन ( Demographic dividend ) श्रेणी में है जनसंख्या के इस हिस्से को आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और डेमोग्राफिक डिविडेंड का उपयोग करने के लिए इनके स्किल को बढ़ाने की आवश्यकता है।
गिग अर्थव्यवस्था की विशेषता यह है कि किसी एक ही संगठन के साथ कार्य को करने के लिए बाध्य नहीं होते बल्कि अपनी इच्छा व क्षमता के अनुसार अन्य संगठनों के साथ मिलकर काम कर सकते हैं
गिग इकोनॉमी में सबसे अधिक भुगतान करने वाली नौकरियों में ब्लॉकचेन, सिचर्स, एथिकल हैंकिंग, डाटा विश्लेषक और रोबोटिक्स आदि शामिल है गिग अर्थव्यवस्था को एक नए तरीके के रूप में वर्णन करने के लिए अमेरिकियों की एक बड़ी (78%) संख्या काम कर रही है। साल 2023 तक विश्व के लगभग 33%-40% कर्मचारी 2035 तक श्रमिक गिग इकोनामी के जरिए रोजगार हासिल करेंगे
गिग अर्थव्यवस्था से अनेकों लाभ भी हैं और हानियां जो इस प्रकार है ( advantages and disadvantages of gig economy)
Gig Economy का विश्व भर में बहुत तेजी से प्रचार- प्रसार हो रहा है जो कि एक सकारात्मक तथ्य हैं
इस अर्थव्यवस्था का विस्तार केवल एक देश, राज्य, कंपनी तक सीमित नहीं है हालांकि इस अर्थव्यवस्था के तहत किसी भी देश या किसी भी देश में मौजूद कंपनियों द्वारा मानव संसाधन असीमित कार्य देखने को मिलते हैं
इस अर्थव्यवस्था में कंपनी अपनी बड़े या छोटे कामों के लिए अपनी अलग -अलग लगतो पर अल्पकालिक व दीर्घकालिक काम दे सकते हैं इस प्रकार नौकरी खोजने वाले लोग कम समय में अधिक पैसे कमा सकते हैं
हानि – (disadvantages)
इस अर्थव्यवस्था में आपको किसी भी एक कार्य में प्रोफेशनल बनना पड़ेगा
इस अर्थव्यवस्था में काम का दबाव तनाव बहुत ज्यादा होता है और कार्य को निर्धारित समय पर ही करवाना होता है
इस अर्थव्यवस्था में वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा व श्रमिक अधिकारों से मिलने वाले लाभों से भी वंचित होना पड़ता है
Gig Economy
का सबसे बड़ा दोष यह होता है कि इसमें सहयोगियों को पेंशन, जीवन बीमा स्वास्थ्य,शिक्षा,वेतन इसके अंतर्गत काम करने वाले कर्मचारियों असंगठित क्षेत्र से आते हैं इसीलिए उन्हें संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों की तरह सुविधाएं प्रदान नहीं होती है और सामाजिक आर्थिक असमताओं के बढ़ने का खतरा सदैव बना रहता है source from The praman
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gig economy : गिग अर्थव्यवस्था क्या है? कैसे काम करता है?
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