(Divorce)Dhanush Aishwarya:-
Divorce:-धनुष को तो आप जानते ही होंगे साउथ के फेमस एक्टर, साल 2004 में उन्होंने ऐश्वर्या रजनीकांत से शादी कर ली थीं। अब एक खबर बहुत तेज़ी से फैल रही है की कल धनुष और ऐश्वर्या का तलाक हो गया है। इसके बाद मैंने धनुष-ऐश्वर्या के तलाक पर आए लोगों के रिएक्शन देखे।
कुछ तो प्यार भरे, स्पोर्टिव और सकारात्मक रिएक्शन थे। लेकिन जयादातर लोगों की बातों ने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया की आखिर सोसाइटी में तलाक एक ‘नेगेटिव’ चीज़ क्यों मानी जाती है ? क्यों तलाक उतना ही नार्मल ऑप्शन नहीं है जितनी नार्मल ऑप्शन शादी करना है।
धनुष और ऐश्वर्या साउथ फिल्म इंडस्ट्री के बड़े चेहरे है। इन्हे पॉवर कपल भी कहा जाता था। एक्टर रजनीकांत की बेटी और दामाद ने अपने अपने सोशल मीडिया हैंडल्स से जानकारी दी की अब वो अलग हो रहे है। उन्होंने टवीट करते हुए लिखा :-
” दोस्त, कपल, पैरंट्स और एक दूसरे के शुभचिंतक रहते हुए 18 साल हमने एक ग्रोथ, समझदारी, साझेदारी का सफर तय किया. आज हम वहां खड़े हैं, जहां से हमारी राहें जुदा हो रही हैं. ऐश्वर्या और मैंने अलग होने का फैसला लिया है. हम एक दूसरे से अलग होकर खुद की तलाश करेंगे. कृपया हमारे फैसले का सम्मान करें और हमारी प्राइवेसी का ध्यान रखते हुए हमें इससे डील करने दें.”
सोशल मीडिया पर लोगों के रिएक्शंस
अब सेलेब्रिटी कपल अलग होने की बात कर रहे हैं तो इसका बज़ तो होना ही था. सोशल मीडिया पर अलग – अलग तरह के रिएक्शन देखने को मिले.
प्रेरणा नाम की एक यूजर ने लिखा,” आजकल डाइवोर्स ट्रेंड बन गया है. सेल्फ रेस्पेक्ट और ईगो रिश्तों से ज्यादा बढ़कर हो गए हैं. यही दुखद सच्चाई है.”
पांडियाराज नाम के यूजर ने लिखा,” ये सही नहीं है धनुष भाई. आप सोसाइटी और फैन्स को गलत मैसेज दे रहे हो. डाइवोर्स सल्यूशन नहीं है. पहले बच्चों के बारे में सोचो. कल को उनका भी यही इंटेंशन होगा”
टॉक्सिक रिलेशनशिप और नाखुश शादियों के केस में यही कहकर समझाया जाता है की एडजस्ट कर लो, बच्चों का तो सोचो। गाली-गलौज और मारपीट की नौबत आने पर भी बच्चों का हवाला देकर रिलेशनशिप चलाने की बात की जाती है। लोग कहते है :- तलाक-वलाक नए ज़माने की चीज़ है। हमने भी बहुत कुछ सहा, पर जिंदगी साथ गुज़ारी. हमारे समय ये तलाक-वलाक नहीं होता था।
बहुत से मिडिल क्लास परिवारों में तलाक अब भी एक ‘बुरी’ चीज़ मानी जाती है। कोई भी तलाक के सहेजता से स्वीकार नहीं करता। जिंदगीभर लोग रिश्ते में घुटते रहेंगे पर तलाक नहीं लेंगे। और हवाला देंगे बच्चों का या समाज का कि लोग क्या कहेंगे। पर कोई ये नहीं सोचता कि टॉक्सिक रिलेशनशिप देखकर जो बच्चे बड़े हो रहे हैं उनपर कितना बुरा असर होता है। शायद डाइवोर्स के कारण वो बच्चा उतना सफर ना करे जितना उस रिश्ते को देखकर करता है।
डाइवोर्स के बाद ज़रूरी नहीं की बच्चा सफ़र करे। बच्चों से उस बारे में खुलकर बात की जाए तो वो समझते हैं। मां बाप अलग होने के बाद भी अच्छे पैरेंट बन सकते हैं। बॉलीवुड से ऋतिक-सुजैन हों या अरबाज़-मलाइका. तलाक के बाद कोपैरेंटिंग का ये अच्छा इग्ज़ैम्पल हैं।
शादी दो लोगों के बीच का रिश्ता है। जिसे वो लोग आपसी प्यार, सम्मान और समझदारी से चलाते है। अगर इन्हीं दो लोगों को लगता है कि उनका तालमेल सही नहीं बन पा रहा है, या फिर अगर साथ रहते हुए वो दोनों खुश नहीं हैं, या अगर उनमें से एक भी उस रिश्ते में खुश नहीं है तो उन्हें शादी के नाम पर बांधकर रखना क्या सही होगा? मैं आपसे पूछती हूं, आप एक शादी में दो दुखी, परेशान, लड़ते-झगड़ते, किच-किच करते लोग आपकी प्रायोरिटी हैं या दो खुश और अपनी ज़िंदगी अपने हिसाब से जीने वाले इंडिवीडुअल्स।
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