Covid 19 alert:-
Covid 19 alert:-भारत में कोरोना की तीसरी लहर ने अब डराने वाली रफ़्तार पकड़ ली है। कोरोना संक्रमण की यह रफ़्तार दूसरी लहर से भी तेज़ मानी जा रही है। स्वास्थया मंत्रालय द्वारा जारी गुरूवार के आंकड़े के अनुसार देश में बीते 24 घंटे में 2 .47 लाख यानि 2,47,417 से अधिक मामले सामने आए है जो कि बुधवार की तुलना में 52 हज़ार से अधिक है।
तो वही बात करे दूसरे देशों की तो आप जानते होंगे अब तक आपने खोजी श्वानो(Dog) का उपयोग सेना व पुलिस द्वारा बमों, संदिग्ध वस्तुओं व व्यक्तियों, पहाड़ों पर बर्फ में दबे लोगों को ढूंढ़ निकालने आदि महत्वपूर्ण कामों को अंजाम देते सुना व देखा होगा।
The coronavirus sniffer dogs Valo (L) and E.T. sit near their trainers at the Helsinki airport in Vantaa, Finland, to detect the Covid-19 from the arriving passengers, on September 22, 2020. (Photo by Antti Aimo-Koivisto / Lehtikuva / AFP) / Finland OUT (Photo by ANTTI AIMO-KOIVISTO/Lehtikuva/AFP via Getty Images)
अमेरिका के ऐसे खोजी श्वानो यानि (sniffer Dogs) का जिक्र कर रहे है जो वैश्विक महामारी कोरोना से संक्रमित किसी व्यक्ति की पहचान सूंघ कर कर लेते है। Dogs को ईश्वर ने सूंघने की अध्भुत शक्ति दी है। इसके दम पर वे इंसानो को खतरे से बचाने के लिए अपनी जान तक झोंक देते है।
अमेरिका सरकार के नेशनल सेंटर फॉर बायो टेक्नोलॉजी इनफार्मेशन (NCBI) का कहना है कि श्वान अपनी दिव्य शक्ति के दम पर किसी पदार्थ के 1.5 खरब वे अंश का भी पता लगा सकते है। जब कोई बिमार पड़ता है तो उसके शरीर में से ख़ास तरह के वोलेटाइल आर्गेनिक कंपाउंड निकलते है। ऐसे में जब कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित होता है तो उसके शरीर से आने वाली विशेष गंध को ये श्वान पहचान लेते है। इन्हे ही बायो डिटेक्शन डॉग्स कहा जाता है। यदि इन्होने आप में कोरोना वायरस कि पुष्टि कर दी तो आपको RTPCR टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है।
तो वही अगर हम चीन की बात करें तो वहां के हालात दुसरे देशों से काफी अलग है। सोशल मीडिया पर चीन के वीडियो वायरल हो रहे है। इनसे पता चलता है की सख्त पाबंदियों के नाम पर वहां नागरिकों के साथ किस तरह का व्यव्हार हो रहा है। यह किसी बुरे सपने से कम नहीं है।
चीन अपनी “जीरो कोविद पालिसी” के तहत अपने ही नागरिकों के साथ खिलवाड़ कर रहा है। सोशल मीडिया में आए कुछ वीडियो से पता चला है की लाखों लोगों को जहाँ क्वारंटाइन शिवरों में रखा गया है , वही कई संक्रमित मरीज़ों को मेटल बोक्सस में कैद कर दिया गया है। गर्भवती महिलाओं , बच्चों व बुजुर्गों को भी मेटल के इन बॉक्सेस में दो सप्ताह के लिए कैद कर दिया जाता है। इनमे लकड़ी के पलंग व टॉयलेट बनाये गए है।
चीन में करीब दो करोड़ लोगों को घरों में कैद कर दिया गया है। यहाँ तक की उन्हें खाने पीने का सामान लेने भी बहार नहीं निकलने दिया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बीते दिनों एक गर्भवती महिला को अस्पताल नहीं जाने दिया गया और इस कारण उसे गर्भपात हो गया। इसके बाद चीन में सख्त नियमों को लेकर बहस छिड़ गयी है।
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