राजस्थान में मतदाताओं की संख्या 5.45 करोड़ पार: लैंगिक और जनसंख्या अनुपात में ऐतिहासिक सुधार..
जयपुर /सोजत। राजस्थान में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को और मजबूत बनाते हुए निर्वाचन विभाग ने प्रदेश के सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों की अंतिम मतदाता सूचियों का प्रकाशन कर दिया है।
ताजा आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में मतदाताओं की संख्या 5.45 करोड़ से अधिक हो गई है। इसके साथ ही मतदाता लैंगिक अनुपात और मतदाता-जनसंख्या अनुपात में भी ऐतिहासिक सुधार दर्ज किया गया है।
लैंगिक अनुपात में उल्लेखनीय सुधार- निर्वाचन विभाग के अनुसार, अक्टूबर 2024 में प्रारंभिक सूची प्रकाशन के समय प्रति 1,000 पुरुष मतदाताओं पर महिला मतदाताओं का औसत अनुपात 924 था, जो अब बढ़कर 932 हो गया है।
यह अब तक का सर्वाधिक मतदाता लैंगिक अनुपात है। यह सुधार महिलाओं की बढ़ती जागरूकता और मतदाता पंजीकरण प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी को दर्शाता है।
मतदाता-जनसंख्या अनुपात में ऐतिहासिक वृद्धि- प्रदेश में प्रति 1,000 जनसंख्या की तुलना में पंजीकृत मतदाताओं का औसत अनुपात भी 650 से बढ़कर 663 हो गया है। यह राजस्थान के इतिहास में मतदाता-जनसंख्या अनुपात का अब तक का सर्वश्रेष्ठ स्तर है।
इस वृद्धि से यह स्पष्ट होता है कि अधिक से अधिक नागरिक अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए पंजीकरण करा रहे हैं।
एपिक कार्ड जारी करने की प्रक्रिया जारी- राज्य निर्वाचन विभाग सभी पंजीकृत मतदाताओं को मतदाता पहचान-पत्र (एपिक) जारी करने की प्रक्रिया में तेजी ला रहा है।
यह प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी कि प्रत्येक मतदाता आगामी चुनावों में मतदान कर सके।
लोकतंत्र की मजबूती का संकेत- विशेषज्ञों का मानना है कि इन आंकड़ों में वृद्धि प्रदेश में लोकतांत्रिक मूल्यों की मजबूती और जागरूकता का संकेत है।
निर्वाचन विभाग के इन प्रयासों से आगामी चुनावों में बेहतर भागीदारी की उम्मीद है। निर्वाचन विभाग की इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने राजस्थान को लोकतांत्रिक दृष्टिकोण से एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है।
आगामी चुनावों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह सुधार मतदान प्रतिशत में किस प्रकार परिलक्षित होता है।
वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा कि रिपोर्ट