राजस्थान में पटवारी फिर आंदोलन की राह पर, 13 जनवरी से कार्य बहिष्कार की चेतावनी..
जयपुर। राजस्थान में पटवारियों ने एक बार फिर आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है। जयपुर समेत प्रदेश के सभी जिलों में पटवारी और गिरदावर 13 जनवरी से कार्य बहिष्कार करेंगे।
राजस्थान पटवार संघ ने सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए अपनी 9 सूत्रीय मांगों के निस्तारण की चेतावनी दी है। यदि यह आंदोलन शुरू होता है, तो राजस्व विभाग से जुड़े कार्यों में व्यापक व्यवधान हो सकता है।
आंदोलन के कारण: पटवार संघ के प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्र कविया ने बताया कि वे पिछले कई महीनों से अपनी मांगों को लेकर सरकार को ज्ञापन सौंप रहे हैं, लेकिन सरकार ने अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया। इसी के चलते संघ ने कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया है।
उन्होंने यह भी कहा कि सोमवार को रेवेन्यू विभाग के प्रमुख शासन सचिव को ज्ञापन सौंपते हुए 13 जनवरी से आंदोलन की चेतावनी दी गई है।
प्रमुख मांगें:
- गिरदावरी एप में संशोधन: पटवार संघ का कहना है कि सरकार ने गिरदावरी के लिए एप लांच किया है, जिसमें सर्वेयर की नियुक्ति की जा रही है। संघ इस प्रक्रिया में बदलाव की मांग कर रहा है।
- . डीपीसी प्रक्रिया में तेजी: भू-अभिलेख निरीक्षक और नायब तहसीलदार के पदों पर लंबित डीपीसी को जल्द पूरा करने की मांग।
- नए पदों का सृजन: 752 भू-अभिलेख निरीक्षक के नए पदों को स्वीकृति देने की मांग। 4
- . सुविधाएं और संसाधन: पटवार भवनों में फर्नीचर, लैपटॉप, प्रिंटर जैसी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग। 5-
- भत्तों में बढ़ोतरी: हार्ड ड्यूटी भत्ता को 2500 से बढ़ाकर 5000 और स्टेशनरी भत्ता को 400 से बढ़ाकर 1000 करने की मांग। 6
- पदोन्नति में कोटा बढ़ाने: नायब तहसीलदार से तहसीलदार पद की पदोन्नति में कोटा बढ़ाने की मांग। संभावित प्रभाव: पिछले वर्ष भी पटवारियों ने इन्हीं मांगों को लेकर आंदोलन किया था, जिससे नामांतरण, गिरदावरी, और किसानों के कई जरूरी कार्य प्रभावित हुए थे।
- यदि इस बार भी आंदोलन होता है, तो इसका सीधा असर आमजन और किसानों पर पड़ेगा। सरकार को अब इस मामले में जल्द से जल्द समाधान निकालना होगा, ताकि राजस्व विभाग के कार्यों में बाधा न आए और जनता को असुविधा न हो।
- वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा कि रिपोर्ट